मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार रात रायगढ़ जिले में महाड की एक अदालत ने जमानत दे दी.
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राणे की टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में उनके खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उन्हें रत्नागिरि पुलिस ने मंगलवार को दोपहर बाद गिरफ्तार किया था और फिर उन्हें महाड ले जाया गया.
महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनके कथित बयान के संबंध में 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है.
#UPDATE | Mahad Magistrate Court has granted bail to Union Minister Narayan Rane on furnishing a personal bond of Rs 15,000 in connection with his alleged statement against Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray pic.twitter.com/OlwbVlQc3Y
— ANI (@ANI) August 24, 2021
इससे पहले भाजपा नेता राणे के वकील अनिकेत निकम ने आरोप लगाया कि पुलिस राणे को गिरफ्तार करने से पहले कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने में विफल रही और वह उनकी गिरफ्तारी का विरोध करेंगे.
राणे को दोपहर बाद गिरफ्तार करने के बाद रात नौ बजकर 45 मिनट पर न्यायिक दंडाधिकारी शेखबाबासो एस पाटिल की अदालत के समक्ष पेश किया गया.
सरकारी वकील भूषण साल्वी ने आगे की जांच के लिए भाजपा नेता राणे को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश रची गई है तो इस मामले की जांच महत्वपूर्ण है.
इसका विरोध करते हुए राणे की ओर से पेश अधिवक्ता अनिकेत निकम और भाउ सालुंखे ने तर्क दिया कि उनकी सेहत गंभीर है, वह 69 वर्ष के हैं और मधुमेह और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं.
निकम ने आगे कहा कि राणे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की जिस धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है, उसमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान है, ऐसे में हिरासत अनावश्यक है. उन्होंने यह भी दावा किया कि राणे की गिरफ्तारी गैर कानूनी है क्योंकि उन्हें गिरफ्तार करने से पहले दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत समन नहीं भेजा गया.
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री को पुलिस हिरासत में भेजने से इनकार कर दिया। इसके बजाय उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया. लेकिन उनके वकीलों द्वारा जमानत की अर्जी देने पर 15 हजार रुपये के मुचलके पर राणे को जमानत दे दी.
अदालत ने राणे को 30 अगस्त और 13 सितंबर को महाड पुलिस थाने में हाजिरी लगाने का निर्देश दिया और कहा कि अगर पुलिस राणे की आवाज का नमूना लेना चाहेगी तो वह उन्हें सूचित करेगी और राणे सहयोग करेंगे.
महाड में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 189 (लोकसेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने) और धारा 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) तथा धारा 505 (सार्वजनिक तौर पर शरारत से संबंधित बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया.
राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं. राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं. भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.’
राणे अपनी इस टिप्पणी के बाद विवादों में घिर गए और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने राज्य के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया.
(भाषा के इनपुट के साथ)