बेंगलुरु, 24 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रविवार को धर्मस्थल विवाद को लेकर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और इसे ‘हिंदू आस्था पर प्रायोजित हमला’ बताया तथा राज्य पर ‘लापरवाह शासन’ का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कड़े शब्दों में लिखे गए एक पोस्ट में जोशी ने आरोप लगाया कि प्रसिद्ध धर्मस्थल मंदिर के आसपास की घटना को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, ताकि मंदिर की छवि खराब हो सके।
उन्होंने लिखा, ‘धर्मस्थल मामला हिंदू आस्था पर एक प्रायोजित हमले के रूप में सामने आया है। कांग्रेस सरकार इसमें कूद पड़ी और एक प्राचीन हिंदू मंदिर को बदनाम करने के लिए अपने टूलकिट का पूरा इस्तेमाल किया।’
जोशी ने राज्य सरकार की आलोचना की कि वह सार्वजनिक चर्चा में हावी होने से पहले आरोपों की पुष्टि करने में विफल रही।
मंत्री ने कहा, ‘हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस सरकार ने बिना किसी बुनियादी समानांतर पृष्ठभूमि जांच के इसे कैसे बढ़ने दिया। एक नकाबपोश व्यक्ति से लेकर पूरी तरह से वित्त पोषित यूट्यूबर्स तक असत्यापित दावों को जगह दी गई, जिससे एक पवित्र स्थान 15 दिनों के मीडिया सर्कस में बदल गया।’
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने विवाद बढ़ने के बाद ही कार्रवाई की। उन्होंने कहा, ‘अब, जब नुकसान हो चुका है, तो वे दोषियों को गिरफ्तार कर रहे हैं, मानो उन्हें कोई चिंता हो। यह एक गंभीर भूल है, जिससे श्रद्धालुओं को ठेस पहुंची है और विश्वास कम हुआ है।’
केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे की गहन जांच पर भी जोर दिया।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह प्रकरण किसी के इशारे पर रचा गया था।
जोशी ने कहा, ‘निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जवाबदेही तय होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक जवाब का हकदार है।’
इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब शिकायतकर्ता सीएन चिन्नैया ने दावा किया कि धर्मस्थल में महिलाओं के साथ यौन शोषण के बाद कई शव दफनाए गए हैं। इस मामले में स्थानीय मंदिर के प्रशासकों की संलिप्तता की ओर इशारा किया गया। हालांकि, बाद में पुलिस ने शिकायतकर्ता को झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
भाषा
शुभम दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.