बेंगलुरु, 22 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कर्नाटक में ‘‘अप्रत्याशित और महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम’’ की भविष्यवाणी करते हुए शनिवार को कहा कि यह राज्य के सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान के लिए ‘‘अशांति’’ का दौर होगा।
उनकी यह टिप्पणी राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बीच चल रही ‘‘सत्ता की खींचतान’’ के बीच आई है।
यहां जनता दल (सेक्युलर) के रजत जयंती समारोह में कुमारस्वामी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और उस पर ‘‘वित्तीय कुप्रबंधन, गारंटी के तहत भ्रष्टाचार और राजनीतिक छल’’ का आरोप लगाया।
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि राजनीति में कौन क्या फैसला लेगा, यह कहना नामुमकिन है। राज्य की राजनीति में अप्रत्याशित और महत्वपूर्ण घटनाक्रम घटित होंगे।’’
कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ‘‘आंतरिक उथल-पुथल’’ में है और चेतावनी दी कि तीव्र, अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम कुछ ही महीनों में कर्नाटक में ‘‘राजनीतिक क्रांति’’ का कारण बन सकते हैं।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से जनता से जुड़े रहने और जन शिकायतों का समाधान करने का आग्रह किया।
बढ़ती कीमतों और करों को लेकर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि लोग खराब शासन से थक चुके हैं और उन्होंने जद (एस) की क्षमता साबित करने के लिए जनादेश की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं लोगों को खुश करने वाली सरकार देने में असमर्थ रहा तो इस जीवन में मैं अपना चेहरा दोबारा नहीं दिखाऊंगा।’’
वित्तीय मामलों पर कुमारस्वामी ने दावा किया कि कर्नाटक का कर्ज 7.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अकेले सिद्धरमैया ने इसमें 5-5.5 लाख करोड़ रुपये जोड़ दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने इतना कर्ज क्यों लिया? किस उद्देश्य से? उन्हें लोगों को जवाब देना होगा।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के विश्वास पर खरा उतरने के लिए विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र का पुनरुद्धार और भद्रावती में विश्वेश्वरैया इस्पात संयंत्र का पुनरुद्धार करने की योजना है।
भाषा
देवेंद्र माधव
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