जम्मू, 29 मई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने और पुंछ में गोलाबारी से प्रभावित लोगों से मुलाकात करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार शाम यहां पहुंचे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शाह का केंद्र शासित प्रदेश का यह पहला दौरा है।
उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान शाह पुंछ जिले का भी दौरा करेंगे, जहां सात से 10 मई तक सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी एवं ड्रोन हमलों में कुल 28 लोगों की जान चली गई थी। उनमें सबसे अधिक 14 आम नागरिक थे।
जम्मू पहुंचने के तुरंत बाद शाह की उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अगवानी की और वह सीधे राजभवन चले गए।
अधिकारियों ने बताया कि शाह आज देर रात राजभवन में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने बताया कि डेढ़ घंटे तक चलने वाली इस बैठक में उपराज्यपाल के अलावा सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद विरोधी अभियानों पर चर्चा के अलावा, वह तीन जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा से संबंधित सुरक्षा और प्रशासनिक उपायों की समीक्षा भी करेंगे।
जम्मू में रात्रि विश्राम के बाद शाह पुंछ के लिए रवाना होंगे और शुक्रवार को पुंछ की अपनी यात्रा के दौरान गोलाबारी प्रभावित परिवारों से बातचीत करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि वह सिंह सभा गुरुद्वारा समेत क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेंगे और सबसे अधिक प्रभावित जिले में नुकसान का आकलन करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
मंत्री पुंछ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर का भी दौरा करेंगे और जवानों से बातचीत करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि शाह गोलाबारी में मारे गए नागरिकों के परिजनों को नियुक्ति पत्र वितरित कर सकते हैं।
यह छह अप्रैल के बाद से गृह मंत्री की जम्मू-कश्मीर की तीसरी यात्रा होगी तथा भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली यात्रा होगी।
भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह मई की देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त कर दिया था। यह अभियान पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में चलाया गया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
छह अप्रैल को तीन दिवसीय दौरे के बाद शाह ने पहलगाम हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को फिर से कश्मीर का दौरा किया।
शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले कांग्रेस ने मांग की कि उन्हें सीमावर्ती निवासियों के लिए व्यापक राहत और पुनर्वास पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, जिसमें सुरक्षित स्थानों पर पांच मरला भूखंडों का आवंटन भी शामिल है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा ने भाजपा नीत सरकार पर सीमावर्ती निवासियों की दुर्दशा की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
शर्मा ने कहा, ‘‘आतंकवादी हमले और पाकिस्तानी गोलाबारी के तीस दिन बाद गृह मंत्री अंततः जम्मू का दौरा कर रहे हैं, लेकिन नुकसान हो चुका है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि किसी भी केंद्रीय मंत्री, यहां तक कि रक्षा या गृह मंत्री ने भी पुंछ का दौरा नहीं किया, जबकि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और नागरिक हताहत हुए हैं।’’
शर्मा ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी किसी भी केंद्रीय मंत्री से पहले पीड़ितों से मिलने और एकजुटता व्यक्त करने के लिए पुंछ पहुंचे थे।
इस बीच, सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता ने शाह से पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित लोगों के लिए एक व्यापक वित्तीय पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि गृह मंत्री स्थिति की गंभीरता को समझेंगे और सीमा पार से गोलाबारी से प्रभावित लोगों के लिए पर्याप्त वित्तीय पैकेज की घोषणा करेंगे।’’
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देवेंद्र माधव
माधव
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