नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) विपक्ष ने मंगलवार को केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए इसे ‘पेगासस स्पिन बजट’ और ‘जीरो-सम बजट’ (बजट में कुछ नहीं है) करार दिया, जिसमें वेतनभोगी वर्ग और गरीबों के लिए कुछ नहीं है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने इसे आत्म-निर्भर भारत के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने वाला ‘जन हितैषी’ बजट करार दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में 2022-23 के लिए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किये जाने के शीघ्र बाद विपक्षी दलों ने सरकार के आर्थिक दस्तावेज पर तीखा हमला बोला, जबकि केंद्रीय मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इसे ‘दूरदृष्टि’ वाला बजट बताया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने सीतारमण की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि ‘लॉलीपॉप बजट’ प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का ‘किसान विरोधी और गरीब विरोधी’ चेहरा सामने आ गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ‘पेगासस स्पिन बजट’ कहा, जिसमें बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त आम आदमी को कुछ भी राहत नहीं दी गयी।
पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आरोप लगाया कि आज का बजट भाषण किसी भी वित्त मंत्री की ओर से पढ़ा गया अब तक ‘‘सबसे ज्यादा पूंजीवादी’’ भाषण था। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि देश को बहुत असमानता वाला बनाया जा रहा है, क्योंकि गरीबी और किसानों के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है, जबकि बड़े उद्योगपतियों को रियायतें दी गई हैं।
चिदंबरम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसद इस बजट के लिए मतदान कर सकती है क्योंकि सत्तारूढ़ दल (भारतीय जनता पार्टी) के पास लोकसभा में भारी बहुमत है, लेकिन जनता इस पूंजीवादी बजट को खारिज कर देगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बजट को आम जन के अनुकूल और प्रगतिशील करार देते हुए कहा कि 100 साल की भयंकर आपदा के बीच यह बजट विकास का नया विश्वास लेकर आया है।
उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य जन के लिए अनेक नए अवसर बनाएगा।
भाजपा के आला नेताओं ने कहा कि यह बजट नरेंद्र मोदी सरकार की आत्म-निर्भर भारत के निर्माण की सोच को दर्शाता है।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि बजट में सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था का ‘‘स्केल’’ बदलने वाला साबित होगा।
शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत का बजट’’ कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक आर्थिक जगत में उत्पन्न हुए अवसरों का दोहन करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘बजट का आकार बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ रुपये करना, कोरोना काल में भी भारत की तेज़ी से बढती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत करना बहुत बड़ी उपलब्धि है।’’
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह बजट ‘‘मेक इन इंडिया’’ को प्रोत्सहित करेगा, मांग को मजबूती देगा और एक मजबूत, समृद्ध और विश्वास से लबरेज भारत की क्षमताओं का विकास करेगा। उन्होंने कहा कि बजट ने आत्मनिर्भरता पर सरकार के जोर को रेखांकित किया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की प्रशंसा करते हुए इसे देश में आधुनिक अवसंरचना को बढ़ावा देने वाला बजट करार दिया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह देश में आधुनिक अवसंरचना को बढ़ावा देने वाला बजट है, जो नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों की ज़िंदगी बेहतर करेगा।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है! मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।’’
उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि ‘हमारे देश में चारों ओर निराशा है, हमारे युवाओं का कोई भविष्य नहीं है’ और मोदी सरकार के बजट ने एक बार फिर इस दुखद सच्चाई की अनदेखी की है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह कुछ और नहीं ‘‘बस पुराने हो चुके जुमले और सब्सिडी पर प्रहार है।’’
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘ ‘‘वेतनभोगी और मध्य वर्ग के लोग इस इंतजार में थे कि मुश्किल के समय में बजट से मदद मिलेगी, लेकिन ‘लॉलीपॉप बजट’ से एक बार फिर साबित हो गया कि भाजपा सरकार में ‘अच्छे दिन’ का इंतजार करने का मतलब समय की बर्बादी है।’’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है। बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है। ‘पेगासस स्पिन बजट’ है।’’
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद को लेकर संसद में सरकार को एकजुट होकर घेरने की तैयारी कर रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने हाल में दावा किया है कि भारत ने 2017 में इजराइल के साथ रक्षा सौदे के तहत जासूसी स्पाईवेयर खरीदा था।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘बजट किसके लिए है? सबसे अमीर 10 प्रतिशत भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं। नीचे के 60 प्रतिशत लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं। महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया?’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय बजट को ‘निराशाजनक’ बताते हुए कहा कि इसमें आम आदमी के लिए कुछ नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गत वर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित। केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों?’’
बजट का स्वागत करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अभूतपूर्व प्रावधान किए गए हैं।
तोमर ने एक बयान में कहा कि इस क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में लगातार वृद्धि की गई है और वित्त मंत्री ने बजट में दूरदृष्टि दिखाई है।
हालांकि, स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने अब निरस्त किये जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ एक सफल आंदोलन का नेतृत्व करने को लेकर किसानों से अपना ‘बदला’ लिया है।
उन्होंने कहा कि बजट में किसानों की आय दोगुनी करने का कोई जिक्र नहीं है और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं पर कुछ नहीं किया गया।
केंद्रीय बजट को प्रगतिशील और समग्र बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह एक ऐसा बजट है, जो आत्मनिर्भर भारत के ‘विजन’ को पूरा करता है।
भाषा सुभाष दिलीप
दिलीप
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