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Thursday, 26 December, 2024
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समान नागरिक संहिता वक्त की जरूरत, संसद में हो चर्चा: गिरिराज सिंह

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नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) स्कूल और कॉलेजों में ‘‘हिजाब’’ को लेकर छिड़े विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता ‘‘वक्त की जरूरत’’ है और इस पर समाज और संसद दोनों में चर्चा होनी चाहिए।

हिजाब के मौजूदा विवाद की शुरुआत दिसंबर के आखिरी दिनों में कर्नाटक में हुई जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब पहनकर आने से कुछ छात्राओं को रोका गया। मामले ने तब तूल पकड़ लिया, जब हिंदू छात्र भगवा गमछा लेकर स्कूल-कॉलेज आने लगे। बाद में राज्य के अन्य स्थानों पर भी पक्ष-विपक्ष में प्रदर्शन होने लगे, जिसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को सभी शिक्षण संस्थानों में तीन दिन की छुट्टी घोषित कर दी।

गिरिराज सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में हिजाब पहनने को लेकर हो रहे विवाद को ‘‘देश के माहौल को खराब करने के उद्देश्य से परेशान करने वाला चलन’’ करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ वोट के सौदागर हैं, जो अपने राजनीतिक फायदे के लिए स्कूलों में हिजाब पहनने जैसी अतार्किक मांग का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे लोग वोटों के लिए निर्दोष बच्चियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता वक्त की जरूरत है और इसके बारे में सड़क से लेकर संसद तक चर्चा की जानी चाहिए।’’

हिजाब को लेकर विवाद का मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय भी पहुंचा। इस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक छात्र शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में ऐसा कोई वस्त्र पहनने पर जोर ना दें, जिससे लोग भड़कें।

अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार के लिए निर्धारित करते हुए यह भी कहा कि शैक्षणिक संस्थान छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं।

उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को 14 फरवरी से 10वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए हाई स्कूलों को खोलने का फैसला किया। प्री यूनिवर्सिटी तथा डिग्री कॉलेजों में कक्षाएं फिर से शुरू करने पर 14 फरवरी को फैसला किये जाने की संभावना है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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