कलबुर्गी, 16 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को दावा किया कि उनके राज्य में बेरोजगारी दर केवल 2.5 प्रतिशत है – जो कई अन्य राज्यों की तुलना में व देश में सबसे कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कर्नाटक में निवेश के लिए कंपनियों को आकर्षित कर इसे और कम करने का प्रयास कर रही है।
कलबुर्गी में कौशल विकास विभाग द्वारा आयोजित रोजगार मेले में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने श्रम बल सर्वेक्षण का हवाला दिया और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर 18.9 प्रतिशत डिग्री धारक और 17.1 प्रतिशत डिप्लोमा धारक बेरोजगार हैं।
सिद्धरमैया ने दावा किया, ‘हरियाणा में बेरोजगारी दर 37.04 प्रतिशत है, राजस्थान में 28.5 प्रतिशत, बिहार में 19.1 प्रतिशत और महाराष्ट्र में तीन प्रतिशत है। लेकिन कर्नाटक में यह केवल 2.5 प्रतिशत है। अन्य राज्यों की तुलना में कर्नाटक की स्थिति काफी बेहतर है, जबकि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत से अधिक है।’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बेरोजगारी के मुद्दे को सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रही है।
सिद्धरमैया ने ‘युवा निधि’ योजना पर प्रकाश डाला, जिसके तहत डिग्री धारकों को 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य बेरोजगार स्नातकों और डिप्लोमा धारकों को दो साल तक सहायता प्रदान करना है। इस अवधि में नौकरी मिलने के बाद, योजना का लाभ स्वतः ही बंद हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ता है तो बेरोजगारी की समस्या का अधिक प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सकेगा।
भाषा
नोमान अविनाश
अविनाश
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