हमीरपुर/ऊना (हिमाचल प्रदेश), दो जून (भाषा) मात्र एक लाख रुपये से मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू करने वाले ऊना के अनुभव सूद अब 30 लाख रुपये की वार्षिक आय के साथ एक प्रभावशाली व्यवसायी हैं।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि उनकी कहानी हिमाचल प्रदेश के कई बेरोजगार युवकों की कहानी से मिलती-जुलती है, जो ‘मुख्यमंत्री मधु विकास योजना’ के तहत मधुमक्खी पालन को अपना रहे हैं और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
यह योजना बेरोजगारों और खेती तथा फलों की खेती में लगे लोगों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हुई है, क्योंकि यह अतिरिक्त आय पैदा करने के साथ-साथ परागण में भी मदद करती है।
अंबोटा गांव के रहने वाले अनुभव इस व्यवसाय के कारण 10 लोगों को रोजगार दे पा रहे हैं।
खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी अपनी मां निशा सूद से प्रेरित होकर अनुभव ने नौणी विश्वविद्यालय सोलन में एक महीने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर में शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय, कटरा में एक सप्ताह का प्रशिक्षण लिया और 25 बक्सों से मधुमक्खी पालन शुरू किया।
बाद में, उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत केनरा बैंक से 10 लाख रुपये का ऋण लेकर अपने कारोबार का विस्तार किया।
वर्तमान में उनके पास मधुमक्खियों के 300 बक्से हैं और वह एक वर्ष में लगभग 10,000 किलोग्राम शहद का उत्पादन करते हैं।
अनुभव कहते हैं कि वह विभिन्न मौसमों में शहद उत्पादन के लिए मधुमक्खियों को हिमाचल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में ले जाते हैं और इस तकनीक से वे उच्च गुणवत्ता और विविध प्रकार के शहद का उत्पादन कर रहे हैं।
उत्पादों को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित किया गया है।
ऊना के बागवानी उप निदेशक के. भारद्वाज ने बताया कि इस योजना के तहत मधुमक्खी पालन के लिए 1.60 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है, जिसमें मधुमक्खियों की 50 प्रजातियां शामिल हैं। इसके अलावा मधुमक्खियों के परिवहन के लिए 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि विभाग मधुमक्खी पालन उपकरण की खरीद पर 80 प्रतिशत सब्सिडी या 16,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
जिला आयुर्वेदिक विभाग के औषधि विशेषज्ञ डॉ. अशोक चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से भी फायदेमंद है, क्योंकि शहद में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-एलर्जिक तत्व होते हैं और इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 से पीड़ित रह चुके मरीजों के लिए शहद विशेष रूप से फायदेमंद है।
भाषा सुरभि नरेश
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