नई दिल्ली: केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर कोल्लम जिले में नीट परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले छात्राओं को अपने अंत:वस्त्र उतारने के लिए कथित तौर पर मजबूर करने वाली एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में लड़की की शिकायकत पर एक मामला दर्ज किया जा चुका है लेकिन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने इस शिकायत को मनगढ़ंत बताया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है. एनसीडब्ल्यू ने कहा है कि यह युवा लड़कियों की लज्जा के लिए शर्मनाक और अपमानजनक है.
NCW has taken serious note of the reported incident where several girl students were forced to remove their innerwear during screening before NEET 2022 exam in Kerala. It is shameful and outrageous to the modesty of young girls. pic.twitter.com/267LzE9l4r
— ANI (@ANI) July 19, 2022
दिप्रिंट से बात करते हुए शिकायतकर्ता गोपालकुमार एस ने कहा कि उन्होंने राज्य पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है और आगे की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं. यह मामला राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुका है.
केंद्रीय मंत्री को लिखे अपने पत्र में केरल की मंत्री ने रविवार को जिले के अयूर में एक परीक्षा केंद्र में नीट परीक्षा में बैठने वाली ‘छात्राओं की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सरासर हमले’ की खबर पर ‘निराशा और हैरानी’ जताई है.
बिंदू ने कहा कि जिस एजेंसी को परीक्षा के संचालन का जिम्मा सौंपा गया था, उसने कथित तौर पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले लड़कियों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया, जिसका कारण सिर्फ उन्हें ही ज्ञात है.
उन्होंने कहा, ‘इस तरह की अप्रत्याशित शर्मनाक और हैरान करने वाली घटनाओं से प्रतिभागियों का मनोबल और मानसिक संतुलन प्रभावित होता है जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है.’ उन्होंने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जोरदार सिफारिश की और केंद्रीय मंत्री से मामले में दखल की मांग की.
मंत्री ने कहा, ‘मैंने उन्हें पत्र लिखकर बताया है कि हम उस एजेंसी के इस तरह के अमानवीय व्यवहार का कड़ा विरोध करते हैं, जिसे केवल निष्पक्ष तरीके से परीक्षा आयोजित करने का काम सौंपा गया था.’
मामला सोमवार को तब सामने आया जब 17 वर्षीय एक लड़की के पिता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उनकी बेटी नीट परीक्षा में बैठी थी और अब तक वह सदमे से उबर नहीं पाई है, जिसमें उसे परीक्षा के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक बिना अंत:वस्त्र के बैठना पड़ा था.
लड़की के पिता ने एक टीवी चैनल को बताया था कि उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन में उल्लिखित ड्रेस कोड के अनुसार ही कपड़े पहने थे. घटना की निंदा करते हुए विभिन्न युवा संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
क्या है ड्रेस कोड?
एनटीए द्वारा दिए गए ड्रेस कोड के मुताबिक, यदि उम्मीदवार ‘पूरी बाजू के कपड़े, बड़े बटन या बैज, ब्रोच आदि पहने हुए हैं, जिनका उपयोग ब्लूटूथ, कैमरा आदि जैसे छोटे संचार उपकरणों को छिपाने के लिए किया जा सकता है, तो उनकी पूरी तरह से जांच हो.’
इसमें कहा गया है कि ‘संदिग्ध उम्मीदवारों को केवल तलाशी / बायोमेट्रिक के समय ही जूते निकालने के लिए कहा जा सकता है.’
ड्रेस कोड में यह भी उल्लेख किया गया है कि “एनटीए परीक्षा आयोजित करने की निष्पक्षता में विश्वास करता है, हालांकि, यह लिंग / धार्मिक / सांस्कृतिक / क्षेत्रीय संवेदनशीलता में भी विश्वास करता है जिसमें उम्मीदवारों की तलाशी / बायोमेट्रिक शामिल है.
मामला हुआ दर्ज
केरल पुलिस ने लड़की की शिकायत के आधार पर घटना में कथित रूप से शामिल जांचकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
केरल पुलिस ने मंगलवार को उस कथित घटना के सिलसिले में मामला दर्ज किया, जिसमें राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाली युवतियों और लड़कियों को कोल्लम जिले में परीक्षा में बैठने की अनुमति के लिए अंत:वस्त्र हटाने को कहा गया था.
पुलिस ने कहा कि जिले के अयूर में रविवार को एक निजी शिक्षण संस्थान में आयोजित नीट परीक्षा के दौरान कथित तौर पर अपमानजनक अनुभव का सामना करने वाली एक लड़की की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने कहा कि महिला अधिकारियों की एक टीम ने लड़की का बयान दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया. उन्होंने कहा कि मामले में जांच शुरू की गई है और कथित तौर पर इस कृत्य में शामिल लोगों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
मामला सोमवार को तब सामने आया जब 17 वर्षीय एक लड़की के पिता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उनकी बेटी नीट परीक्षा में बैठी थी और अब तक उस सदमे से बाहर नहीं आ पाई है, जिसमें उसे परीक्षा के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक बिना अंत:वस्त्र के बैठना पड़ा था.
लड़की के पिता ने एक टीवी चैनल को बताया था कि उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन में उल्लिखित ड्रेस कोड के अनुसार ही कपड़े पहने थे. घटना की निंदा करते हुए विभिन्न युवा संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी घटना की जांच के आदेश दिए हैं. आयोग ने कोल्लम ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी का जवाब
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बताया गया है कि केरल में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में शामिल होने के लिए एक लड़की से अधोवस्त्र उतारने के लिए कहने के आरोप में पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत ‘मनगढ़ंत’ है और ‘गलत इरादे’ से की गई है.
परीक्षा केन्द्र के अधीक्षक ने एनटीए को यह बताया है. एनटीए के अधिकारियों के अनुसार, उन्हें इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है.
केरल के कोल्लम जिले में 17 वर्षीय लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने एक टीवी चैनल को बताया कि उनकी बेटी ने नीट के बुलेटिन में बताए गए ड्रेस कोड के अनुरूप ही कपड़े पहने थे. इस बुलेटिन में अधोवस्त्र के संबंध में कोई बात नहीं कही गई थी, लेकिन उनकी बेटी को परीक्षा में बैठने की अनुमति पाने के लिए अधोवस्त्र उतारने के लिए कहा गया. लड़की के पिता इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष ले जाना चाहते हैं.
इस संबंध में एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें कोई शिकायत अथवा प्रतिवेदन नहीं मिला है. मीडिया रिपोर्ट में किए गए दावों के आधार पर केन्द्र के अधीक्षक तथा पर्यवेक्षक से तत्काल रिपोर्ट मांगी गयी है.’
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमें बताया कि इस प्रकार की कोई घटना नहीं हुई है और दर्ज कराई गई शिकायत ‘मनगढ़ंत’ है और ‘गलत इरादे’ से की गई है.’
समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ
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