नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि देश के खुले सुधार संस्थानों (ओसीआई) का क्षमता से कम उपयोग होना एक ‘‘बहुत गंभीर मुद्दा’’ है क्योंकि राज्यों को जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
अर्ध-खुले या खुले सुधार संस्थानों की अवधारणा कैदियों को समाज में उनके पुनर्वास में सहायता करने के लिए शुरू की गई थी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने केरल राज्य द्वारा दायर एक अर्जी को भी स्वीकार कर लिया, जिसमें खुली जेल के लिए निर्धारित 457 एकड़ भूमि में से 257 एकड़ भूमि ब्रह्मोस परियोजना और अन्य सुविधाओं के लिए आवंटित करने की अनुमति मांगी गई थी।
केरल सरकार ने कहा कि ब्रह्मोस परियोजना के लिए 180 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, जबकि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के लिए 45 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
उसने कहा कि शेष 32 एकड़ क्षेत्र राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए आवश्यक है।
कारागारों में भीड़भाड़ से संबंधित मामले पर शीर्ष अदालत में न्यायमित्र के रूप में सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के. परमेश्वर ने कहा कि केरल सरकार द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार किया जाना चाहिए।
केंद्र की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा कि ब्रह्मोस परियोजना एक ‘‘राष्ट्रीय रक्षा परियोजना’’ है।
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि न्यायमित्र ने खुले सुधार संस्थानों (ओसीआई) का मुद्दा उठाया है।
पीठ ने कहा, ‘‘अब न्यायमित्र ने देश में ओसीआई सुविधाओं के कम उपयोग के मुद्दे को उजागर किया है। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है क्योंकि एक तरफ, राज्य के कारागार भीड़भाड़ की समस्या का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, ओसीआई उपलब्ध हैं जिनका उपयोग नहीं हो रहा है।’’
उसने राजू से पूछा कि सरकार इस पर नीति क्यों नहीं बना सकती।
न्याय मित्र ने कहा, ‘‘उसने (केंद्र ने) ऐसा किया है। केंद्र ने न केवल एक नियमावली तैयार की है बल्कि उन्होंने आदर्श जेल नियमों का मसौदा भी दिया है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों को लगातार पत्र लिखकर अपने ओसीआई का पूरा उपयोग करने को कहा है ताकि अन्य जेलों में भीड़ कम हो।
न्याय मित्र ने कहा कि कम से कम छह या सात राज्यों में ओसीआई अपनी कुल क्षमता के मुकाबले 50 से 60 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तीन या चार राज्यों में महिला कैदियों को ओसीआई में रखने की अनुमति नहीं है।
भाषा सिम्मी संतोष
संतोष
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