नई दिल्ली: सरकार ने बताया कि देश में वर्ष 2017 और 2018 के दौरान पुलिस द्वारा सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत करीब 1200 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से 563 अभी तक हिरासत में हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने उच्च सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2018 की नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सभी राज्यों में से मध्य प्रदेश में वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में रासुका के तहत सबसे अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान आता है.
उन्होंने कहा कि इस सख्त कानून के तहत वर्ष 2017 में देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 501 लोगों को हिरासत में लिया गया. इसमें से 229 को समीक्षा बोर्ड के द्वारा छोड़ दिया गया और 272 अभी हिरासत में हैं.
वर्ष 2018 में, देश भर में रासुका के तहत 697 लोगों को हिरासत में लिया गया जिसमें से 406 को समीक्षा बोर्डों द्वारा रिहा किया गया जबकि 291 हिरासत में हैं.
मध्य प्रदेश में, वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में एनएसए के तहत 795 लोगों को हिरासत में लिया गया था. समीक्षा बोर्डों द्वारा 466 लोगों को रिहा किया गया जबकि 329 हिरासत में हैं.
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में, वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में रासुका के तहत 338 लोगों को हिरासत में लिया गया जिसमें से समीक्षा बोर्ड द्वारा 150 लोगों को रिहा कर दिया गया जबकि 188 हिरासत में हैं.
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