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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशउमा आनंदन- चेन्नई नगरपालिका चुनाव की एकमात्र BJP विजेता गोडसे और जाति की 'समर्थक' हैं

उमा आनंदन- चेन्नई नगरपालिका चुनाव की एकमात्र BJP विजेता गोडसे और जाति की ‘समर्थक’ हैं

भाजपा ने तमिलनाडु शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में 12,838 सीटों पर 5,480 उम्मीदवार उतारे थे. चेन्नई निगम क्षेत्र में डीएमके ने 200 में से 153 वार्ड जीते हैं.

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नई दिल्ली: ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के 200 वार्डों में से, उमा आनंदन एकमात्र भाजपा उम्मीदवार थीं, जो पश्चिम माम्बलम में वार्ड नंबर 134 से जीतकर पार्टी के लिए एक सीट हासिल करने में सफल रहीं. आनंदन ने 5,539 मतों के साथ वार्ड जीता, जबकि कांग्रेस की सुशीला गोपालकृष्णन को 3,503 मत मिले और अन्नाद्रमुक की अनुराधा को 2,695 मत मिले.

तमिलनाडु शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए, जिसमें सत्तारूढ़ द्रमुक और उसके सहयोगियों ने भारी जीत दर्ज की. उन्होंने 12,800 से अधिक वार्ड सदस्य पदों में से दो-तिहाई से अधिक जीत हासिल की और तमिलनाडु के सभी 21 नगर निगमों में जीत हासिल की. डीएमके ने चेन्नई कॉरपोरेशन के 200 में से 153 वार्डों में जीत हासिल की.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने राज्य में 649 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की 12,838 सीटों में से लगभग 43% सीटों पर 5,480 उम्मीदवार उतारे थे.

द्रमुक सरकार की मुखर आलोचक आनंदन अतीत में कई बार विभिन्न विवादास्पद बयानों के लिए खुद को संकट में डाल चुकी हैं. उनकी जीत के बाद, उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं. महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का समर्थन करने से लेकर ईसाइयों और मुसलमानों पर उनकी टिप्पणी से लेकर जाति व्यवस्था का समर्थन करने तक, आनंदन के पास सभी गलत कारणों से बहुत शोर मचाने का रिकॉर्ड है.

आनंदन वर्तमान में मंदिर उपासक सोसाइटी, चेन्नई की उपाध्यक्ष हैं, जिसका उद्देश्य ‘मंदिरों को एक ‘धर्मनिरपेक्ष’ सरकार के अपवित्र चंगुल से मुक्त करना, उनकी पवित्रता को बहाल करना है.’


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विवादास्पद टिप्पणी

एक यूट्यूब चैनल के साथ पहले के एक साक्षात्कार में, जब उनसे गोडसे पर उनके विचारों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने यह कहते हुए उनका स्वागत किया, ‘गोडसे एक हिंदू है. मैं गोडसे की एक गर्वित समर्थक हूं. मुझे कोई पछतावा नहीं है.’

पिछले महीने हिंदू जनजागृति के साथ एक साक्षात्कार में, आनंदन ने ‘रूपांतरण माफियाओं’ पर 17 वर्षीय स्कूली छात्रा लावण्या की हत्या करने का आरोप लगाया, जिसने पिछले सप्ताह तमिलनाडु के तंजावुर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

उन्होंने कहा, ‘बहुसंख्यक हिंदुओं को अपनी खुद की संस्थाएं बनाने का अधिकार नहीं है, जबकि धर्मांतरण माफियाओं के पास फ्रीहैंड है और राज्य उन्हें सुविधा देता है और हम हिंदू जीवन को खोते रहते हैं. जबरन धर्म परिवर्तन के कारण #LavanyaSuicide जैसे कई मामले हैं.’

आनंदन ने कई साक्षात्कारों में जाति व्यवस्था को बनाए रखने के पक्ष में भी कहा, ‘जाति नहीं होने पर हमारी संस्कृति नष्ट हो जाएगी.’

जस्टिस पार्टी, जो बाद में डीके (द्रविड़ कड़गम) बन गई, ने तमिलनाडु में जाति-विरोधी आंदोलन कैसे शुरू किया, इस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्हें ब्राह्मणों से जलन होती रही है. वे हमेशा जीवित रहे हैं. जस्टिस पार्टी की स्थापना ब्राह्मण घृणा पर हुई थी क्योंकि वे ब्राह्मणों की सफलता को कभी पचा नहीं सकते थे.’

पार्टी के संस्थापक और समाज सुधारक ‘पेरियार’ ईवी रामासामी के बारे में आगे बोलते हुए, उन्होंने कहा, ‘शिक्षा हमेशा ब्राह्मण समुदाय की रीढ़ रही है. पांचवीं कक्षा का ड्रॉपआउट शिक्षा के बारे में कैसे जानेगा?’

आनंदन ने जयपुर डायलॉग्स के साथ एक साक्षात्कार में कहा था, ‘उनके (पेरियार के) अनुयायी भी खाली दिमाग के हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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