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Monday, 23 December, 2024
होमदेशयूक्रेन का हवाई क्षेत्र हुआ बंद तो अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ते की तलाश में भारत

यूक्रेन का हवाई क्षेत्र हुआ बंद तो अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ते की तलाश में भारत

रूसी भाषा बोलने वाले अतिरिक्त अधिकारियों को कीव के भारतीय दूतावास में भेजा गया है, और उन्हें युक्रेन से लगे पड़ोसी देशों में भी तैनात किया जा रहा है.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सिलसिलेवार उच्च-स्तरीय बैठकें बुलाई हैं, जिनमें युक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए, आकस्मिक उपायों की तैयारियां की जा रही हैं.

एक अधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘एमईए में उच्च-स्तरी बैठकें चल रहीं हैं. आकस्मिक उपायों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है’.

सूत्रों ने कहा कि बृहस्पतिवार को युक्रेन हवाई क्षेत्र के बंद हो जाने के बाद, वैकल्पिक मार्गों को सक्रिय किया जा रहा है.

रूसी भाषा बोलने वाले अतिरिक्त अधिकारियों को भी कीव स्थित भारतीय दूतावास में भेजा गया है. सूत्रों ने आगे कहा कि उन्हें युक्रेन से लगे पड़ोसी देशों में भी तैनात किया जा रहा है.

अधिकारी ने कहा, ‘युक्रेन में हमारा दूतावास काम कर रहा है, और उसकी एडवाइज़री का सावधानीपूर्वक पालन किया जाना चाहिए. हम तेज़ी से बदलती स्थिति पर क़रीबी नज़र बनाए हुए हैं. हमारा फोकस भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों का बचाव और सुरक्षा सुनिश्चित करना है’.

एमईए कंट्रोल रूम का विस्तार किया जा रहा है, और उसे चौबीसों घंटे संचालित किया जा रहा है.

रूस और युक्रेन तथा नेटो सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ने के बाद से, भारत पहले ही अभी तक तीन एडवाइज़रियां जारी कर चुका है.

भारत ने की तनाव की तीव्रता को तुरंत कम करने की मांग

यूएन सुरक्षा परिषद की एक बैठक में, यूएन में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, ‘स्थिति तेज़ी के साथ एक बड़े संकट में तब्दील हो सकती है. हम इस घटनाक्रम पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं, जिनसे अगर ठीक से निपटा नहीं गया, तो वो इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमज़ोर सकता है’.

उन्होंने ये भी कहा, ‘हम मांग करते हैं कि तनाव में तत्काल कमी लाई जाए, और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचा जाए, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है. हम सभी पक्षों से मांग करते हैं, कि भिन्न भिन्न हितों के बीच अंतराल को भरने के लिए और अधिक प्रयास करें. मैं ज़ोर देकर कहना चाहूंगा कि सभी पक्षों के वैध सुरक्षा हितों का, पूरी तरह से ध्यान रखा जाए’.

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं एक बार फिर ज़ोर देकर कहता हूं, कि 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक, जिनमें छात्र भी शामिल हैं, युक्रेन के अलग अलग हिस्सों में रह रहे हैं, जिनमें उसके सीमावर्त्ती इलाक़े भी शामिल हैं. आवश्यकता के अनुसार हम भारतीय छात्रों समेत, सभी भारतीय नागरिकों की वापसी को सुगम बनाने की कोशिश कर रहे हैं’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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