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Thursday, 25 April, 2024
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नरेंद्र मोदी से मिले UK के PM बोरिस जॉनसन, कहा- दोनों देशों के बीच रिश्‍ते पहले से मजबूत

उच्चायोग ने जॉनसन के हवाले से कहा, ‘दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं.

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नई दिल्ली: भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की. जॉनसन को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया.

इस दौरान ब्रिटेन और भारत की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा हुई. जॉनसन ने कहा, ‘भारत और ब्रिटेन के बीच जलवायु परिवर्तन से लेकर ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा तक के मुद्दों पर भागीदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश भविष्य की ओर देख रहे हैं.’

ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘शानदार स्वागत के लिए धन्यवाद. मुझे नहीं लगता कि चीजें हमारे (भारत-यूके) के बीच उतनी मजबूत या अच्छी रही हैं, जितनी अब हैं.’

इसके बाद जॉनसन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.

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इन मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद

ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री मोदी के साथ पांच क्षेत्रों- भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष और साइबर में अगली पीढ़ी की रक्षा और सुरक्षा भागीदारी पर चर्चा करने की उम्मीद है क्योंकि दोनों देश नए खतरों का सामना कर रहे हैं.

एक बयान में कहा गया कि इसमें भारत निर्मित नए लड़ाकू विमानों के लिए सहयोग, युद्धक विमान निर्माण पर ब्रिटेन की उत्कृष्ट जानकारी पेश करना और हिंद महासागर में सूचनाओं की पहचान तथा उनसे निपटने के लिए नयी प्रौद्योगिकी के वास्ते भारत की आवश्यकताओं में सहयेाग देना शामिल है.

उच्चायोग ने कहा, ‘आने वाले दशकों में भारत के साथ वृहद रक्षा और सुरक्षा भागीदारी के समर्थन में ब्रिटेन भारत को ऑपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) जारी करेगा जिससे नौकरशाही कम होगी और रक्षा खरीद के लिए आपूर्ति का समय कम होगा. यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा पहला ओजीईएल है.’

उसने कहा कि जॉनसन स्वच्छ एवं नवीनीकरण ऊर्जा पर नए सहयोग पर भी चर्चा करेंगे, जिसका मकसद आयातित तेल से नई दिल्ली के ऊर्जा बदलाव को समर्थन देना और सुरक्षित तथा टिकाऊ ऊर्जा के जरिए इसके लचीलेपन को बढ़ाना तथा ब्रिटेन और भारत दोनों देशों में जलवायु परिवर्तन से निपटना है.

उच्चायोग ने जॉनसन के हवाले से कहा, ‘दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं. भारत के साथ ब्रिटेन की भागीदारी इन तूफानी सागरों में प्रकाशपुंज है.’ उच्चायोग ने कहा कि ब्रिटेन और भारत किफायती हरित हाइड्रोजन पर काम तेज करने के लिए वर्चुअल हाइड्रोजन विज्ञान एवं नवोन्मेष हब शुरू कर रहे हैं.

गौरतलब है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचे थे. अपनी भारत यात्रा के दौरान वो सबसे पहले गुजरात पहुंचे, जहां उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ वडोदरा में जेसीबी कंपनी की नई यूनिट का उद्घाटन किया. इस दौरान वो जेसीबी पर बैठे हुए नज़र आए और गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर का दौरा भी किया.


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