नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर शनिवार को ब्रिटेन में रह रहे हथियार कारोबारी संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया।
अदालत ने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018’ के तहत भंडारी को भगोड़ा घोषित किया।
इस आदेश से संघीय जांच एजेंसी को मजबूती मिली है, क्योंकि अब ईडी भंडारी की करोड़ों रुपये की संपत्ति कुर्क कर सकेगी।
हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने भंडारी के प्रत्यर्पण के खिलाफ फैसला सुनाया था, जिसके बाद उसके भारत आने की संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं।
वर्ष 2016 में आयकर विभाग द्वारा दिल्ली में छापेमारी के तुरंत बाद भंडारी (63) लंदन भाग गया था।
आयकर विभाग ने काला धन रोधी अधिनियम, 2015 के तहत भंडारी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने फरवरी 2017 में उसके (भंडारी) और अन्य लोगों के खिलाफ धनशोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया था।
संघीय एजेंसी ने वर्ष 2020 में भंडारी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
ईडी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाद्रा के साथ भंडारी के संबंधों की भी जांच कर रही है।
ईडी ने इस मामले में 2023 में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि भंडारी ने 2009 में लंदन में 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर हाउस को ‘अधिग्रहीत’ किया और ‘रॉबर्ट वाद्रा के निर्देशों के अनुसार इसका जीर्णोद्धार करवाया, जिसके लिए धन रॉबर्ट वाद्रा ने प्रदान किया’।
वाद्रा ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लंदन में किसी भी संपत्ति का मालिक होने से इनकार किया है।
उन्होंने इन आरोपों को अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।
इस आदेश के साथ ही शराब कारोबारी विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत कुल 16 लोगों को अलग-अलग अदालतों ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है।
मोदी सरकार 2019 में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018’ कानून लेकर आई थी, जिसके तहत उन लोगों को न्याय के कठघरे में लाना था, जो कम से कम 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के बाद कानून के शिकंजे से बचने के लिए भारत छोड़ गए हैं।
भंडारी पर विदेशी संपत्ति छिपाने, पुरानी तिथि वाले दस्तावेजों का उपयोग करने, भारतीय कर अधिकारियों को घोषित न की गई संपत्तियों से लाभ उठाने और फिर अधिकारियों को गलत जानकारी देने का भी आरोप है कि उनके पास कोई विदेशी संपत्ति नहीं है।
हालांकि, भंडारी ने इन आरोपों से इनकार किया है।
भंडारी के वकील ने उनके मुवक्किल को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के ईडी के कदम का विरोध करते हुए दावा किया था, “भंडारी के ब्रिटेन में रहने को अवैध करार नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उनके पास ब्रिटेन में रहने का कानूनी अधिकार है और भारत सरकार ब्रिटिश अदालत के फैसले से बंधी हुई है, इसलिए भंडारी कानूनी रूप से वहां रह रहे हैं और ऐसे में उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषित करना कानूनी रूप से गलत है।”
भंडारी की करीब 21 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी ने पीएमएलए के तहत कुर्क की हुई है।
भाषा जितेंद्र दिलीप
दिलीप
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