मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच करने में मुंबई पुलिस की दक्षता पर सवाल उठाने की कोशिशों की निंदा करते हैं.
अभिनेता की मौत के मामले में सीबीआई जांच की बढ़ती मांग के बीच उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस मामले की जांच करने में सक्षम है.
ठाकरे ने शुक्रवार को विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा नेता मामले की जांच करने में मुंबई पुलिस की विश्वसनीयता पर संदेह जता रहे हैं जबकि वह खुद पांच साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
ठाकरे ने एक मराठी समाचार चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘देवेंद्र फडणवीस को समझना चाहिए कि यह वही पुलिस है जिसके साथ उन्होंने पांच वर्ष तक काम किया है.’
इससे पहले फडणवीस ने कहा था कि राजपूत की मौत के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को धनशोधन के पहलू से जांच के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईर) दर्ज करनी चाहिए,
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग चाहते हैं कि मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा जाए लेकिन राज्य की उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ऐसा नहीं कर रही है.
ठाकरे ने कहा कि मुंबई पुलिस ‘कोरोना योद्धा’ रही है और उसके कई कर्मियों की इस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि उनकी क्षमता पर सवाल उठाना उनका अपमान करना है और ‘मैं इसकी निंदा करता हूं.
ठाकरे ने कहा कि अगर किसी के पास इस मामले से संबंधित सबूत हैं तो वह मुंबई पुलिस को सौंप सकता है.
उन्होंने कहा, ‘हम जांच करेंगे और दोषी को सजा देंगे. बहरहाल कृपया करके इस मामले को महाराष्ट्र बनाम बिहार का मुद्दा न बनाए। यह सबसे निंदनीय बात है.’
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने हाल ही में कहा था कि मुंबई पुलिस मामले की जांच करने में सक्षम है और मामले में सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि राजपूत (34) 14 जून को उपनगर बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में फांसी पर लटके पाए गए थे.
बिहार पुलिस की एक टीम दिवंगत अभिनेता के पिता द्वारा पटना में दर्ज कराए गए ‘आत्महत्या के लिए उकसाने’ के अलग मामले की जांच कर रही है.
ठाकरे ने कार्यक्रम में यह भी कहा कि जब तक उनके पास राज्य के लोगों और शिवसैनिकों का समर्थन है तब तक उन्हें अपनी सरकार के टिके रहने की चिंता नहीं है.
उन्होंने पूछा, ‘भाजपा कहती है हमारी सरकार जनादेश के खिलाफ बनी। तो फिर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करना जनादेश है?’’
शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा अब ‘अलग’ हो चुके हैं तो राष्ट्रीय पार्टी को इसकी चिंता नहीं होनी चाहिए कि उनकी पार्टी क्या करती है.
ठाकरे ने राकांपा और कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम 30 वर्ष तक भाजपा के साथ रहे लेकिन उन्होंने हम पर भरोसा नहीं किया। लेकिन 30 वर्ष तक जिनके साथ हमारे राजनीतिक मतभेद रहे उन्होंने हम पर विश्वास किया.’