भोपाल: तस्करी के आरोप में गौरक्षकों द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के करीब दो हफ्ते बाद, जुनैद शहजाद नामक 21 साल के व्यक्ति ने मंगलवार की सुबह दम तोड़ दिया, जबकि एक अन्य व्यक्ति अरमान भोपाल के हमीदिया अस्पताल में ज़िंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
रायसेन के पुलिस अधीक्षक पंकज पांडे ने बताया कि जुनैद और अरमान 5 जून को “गाय की तस्करी” कर रहे थे, जब उन्हें रायसेन जिले के सांची के मेहगांव गांव के पास “पकड़ा गया और पीटा गया”.
पांडे ने दिप्रिंट से कहा, “हमने दोनों पर गौ तस्करी का मामला दर्ज किया था, जबकि तीन अन्य लोगों (जिन्होंने उनकी पिटाई की) पर 9 जून को हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था. अभी तक की हमारी जांच में यह सामने नहीं आया है कि गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों का बजरंग दल से कोई संबंध है या नहीं. हम अब जुनैद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. रिपोर्ट मिलने के बाद, हत्या के आरोप लगाए जाएंगे.”
पांडे ने कहा कि जुनैद पर पहले भी गौ तस्करी के दो अन्य मामलों में मामला दर्ज किया जा चुका है.
अरमान के पिता जफरुद्दीन के अनुसार, अरमान डेयरी चलाते हैं, जबकि जुनैद मवेशियों का कारोबार करते थे. विदिशा के सिरोंज का रहने वाले जुनैद भोपाल में रहकर छोटे-मोटे काम करके अपना गुज़ारा चलाते थे. जुनैद के चचेरे भाई माज ने बताया कि वह सिरोंज में डेयरी चलाते थे.
घटना के बाद सांची पुलिस को दिए गए बयान में जुनैद ने कहा था, “5 जून को रात करीब 2:30 बजे अरमान और मैं विदिशा के धनोरा गांव में थे. वहां हम उसकी जीप में मवेशी भरकर भोपाल लौट रहे थे. जब हम मेहगांव के पास विदिशा-कौड़ी रोड पर स्कूल के सामने से गुज़र रहे थे, तभी करीब 10-15 लोगों ने हमारी गाड़ी को ओवरटेक कर रोक लिया.”
बयान में आगे लिखा गया है, “इन लोगों ने हमें गालियां देना शुरू कर दिया, उनमें से कुछ ने अपने वाहनों में लाठी भी रखी हुई थी. उन्होंने लाठी हटा ली और अरमान और मुझे हमारे वाहन से बाहर खींच लिया, हम पर गायों की तस्करी का आरोप लगाया और हमें जान से मारने की धमकी दी.”
जुनैद ने कहा कि भीड़ ने इस कृत्य को फिल्माया, जब उन्हें और अरमान को लाठी से बेरहमी से पीटा जा रहा था. इसके बाद समूह ने कथित तौर पर उन्हें जीप में वापस डाल दिया और थाने ले गए, जहां से दोनों को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और अंत में विदिशा मेडिकल कॉलेज भेजा गया. दोनों की पिटाई के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए.
जुनैद के बयान के आधार पर, 9 जून को भारतीय न्याय संहिता की धारा 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 296 (बी) (धार्मिक सभा में बाधा डालना), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और 109 (3) और (5) (हत्या का प्रयास) के तहत एफआईआर दर्ज की गई. ध्रुव चतुर्वेदी, गगन दुबे और रामपाल राजपूत नाम के तीन लोगों को उसी दिन गिरफ्तार किया गया था.
हालांकि, वीडियो क्लिप में लोगों का एक बड़ा समूह जुनैद और अरमान की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है, जुनैद के बयान में “भीड़” का ज़िक्र है, लेकिन पुलिस ने कहा है कि सिर्फ वह तीन आरोपी ही कथित तौर पर शामिल थे.
जुनैद के चचेरे भाई माज़ कुरैशी ने दिप्रिंट को बताया, “जब मैंने जुनैद से बात की, तो उसने मुझे बताया कि बजरंग दल के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और पूरी रात पीटा. वह सिरोंज में अपनी डेयरी के लिए छह गायों को ले जा रहे थे. अगर कोई गायों की तस्करी करता है, तो उसके पास ले जाने के लिए सिर्फ छह गायें क्यों होंगी?”
माज़ ने आगे बताया कि जुनैद ने उन गायों को स्थानीय मंडी से खरीदा था और वहां पहुंचने में देरी हो गई, इसलिए वह इतनी देर से यात्रा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें जुनैद के खिलाफ किसी पिछले रिकॉर्ड के बारे में पता नहीं है.
ज़फरुद्दीन ने दिप्रिंट को बताया, “मेरा बेटा अरमान दूध इकट्ठा करता है और उसकी एक डेयरी है. 5 जून को, वह जुनैद के साथ गया था, जो मवेशियों का कारोबार करता है, जब दोनों पर हमला हुआ. मुझे इसके बारे में सुबह 5 बजे के आसपास पता चला. जब हम विदिशा मेडिकल कॉलेज पहुंचे, तो डॉक्टर ने हमें बताया कि उन्हें सुबह 5 बजे के आसपास वहां लाया गया था. हमें नहीं पता कि पुलिस ने 2:30 बजे से सुबह 5 बजे के बीच क्या किया.”
उन्होंने आगे बताया कि जुनैद ने मंगलवार सुबह करीब 5 बजे दम तोड़ दिया, जबकि अरमान के सिर में गंभीर चोटें आई हैं. “डॉक्टर ने हमें बताया है कि उसकी किडनी काम करना बंद कर रही है. यह ठीक उसी तरह है जैसे जुनैद का शरीर काम करना बंद कर रही थी.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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