गंगटोक, दो अगस्त (भाषा) सिक्किम के गंगटोक में बुलबुले स्थित हिमालयन प्राणी उद्यान (हिमालयन जूलॉजिकल पार्क) में सात वर्षों बाद रेड पांडा के दो शावकों का जन्म हुआ है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान के अनुसार, शावकों का जन्म ‘लकी (दो)’ और ‘मिराक’ नामक दो रेड पांडा के मेल से हुआ है।
इन दोनों शावकों का जन्म रेड पांडा संरक्षण कार्यक्रम के इतिहास में एक कठिन दौर के बाद हुआ है जिसमें दो बार ‘कैनाइन डिस्टेंपर’ बीमारी के चलते रेड पांडा आबादी लगभग समाप्त हो गई थी।
बयान के अनुसार, हिमालयन प्राणी उद्यान में संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम 1997 में शुरू हुआ था, जिसमें रॉटरडैम प्राणी उद्यान से लाई गई ‘प्रीति’ और दार्जिलिंग के पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान से लाए गए ‘जुगल’ की जोड़ी शामिल थी। उनके सफल प्रजनन ने एक समृद्ध आनुवंशिक क्रम की नींव रखी।
बयान में बताया गया कि वर्ष 2005 में इसमें ‘लकी’ और ‘राम’ नामक एक जंगली जोड़ी को शामिल कर आनुवंशिक विविधता को और मजबूत किया गया।
रेड पांडा आमतौर पर सर्दियों (नवंबर से जनवरी) में प्रजनन करते हैं और लगभग पांच महीने के गर्भकाल के बाद जून-अगस्त के बीच शावकों को जन्म देते हैं।
बयान में कहा गया है कि शावकों को उनके माता-पिता तब तक लोगों की नजरों से दूर रखेंगे जब तक वे पर्याप्त बड़े नहीं हो जाते। शावक एक साल से अधिक समय तक अपनी मां के साथ रहेंगे और 18 महीने में प्रजनन योग्य हो जाएंगे।
भाषा राखी संतोष
संतोष
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