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शनिवार, 10 मई, 2025
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मीठी नदी से गाद की निकासी के घोटाले में दो लोग गिरफ्तार

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मुंबई, सात मई (भाषा) मीठी नदी से गाद निकालने के 65 करोड़ रुपये के ठेके में ”घोटाले” को लेकर दो कथित बिचौलियों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान केतन कदम और जय जोशी के रूप में हुई है।

मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा की विशेष जांच टीम ने मंगलवार को कदम और जोशी के आवास तथा कार्यालय के साथ-साथ बीएमसी अधिकारियों प्रशांत रामगुडे और गणेश बेंद्रे एवं कुछ ठेकेदारों के आवास और कार्यालय पर भी छापेमारी की थी।

अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के बाद कदम और जोशी को हिरासत में ले लिया गया, जिसके बाद मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

कदम और जोशी मैटप्रॉप नामक कंपनी की गाद निकालने वाली मशीनों को कथित तौर पर ठेकेदारों को किराए पर देने की प्रक्रिया में शामिल थे।

मीठी नदी मुंबई से होकर बहती है। आरोप है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों ने गाद निकालने के ठेके के लिए निविदा को इस तरह से तैयार किया कि इससे मशीनों के एक विशेष आपूर्तिकर्ता को लाभ पहुंचे।

‘मैटप्रॉप’ नामक कंपनी के कर्मचारी दीपक मोहन और किशोर मेनन ने बीएमसी को 3.09 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न मशीनों की पेशकश की थी।

जांच के अनुसार, बीएमसी अधिकारियों की एक टीम ने केरल में संयंत्र का दौरा किया और उसके बाद बीएमसी ने बिल्कुल उसी विशिष्टाओं के साथ निविदाएं जारी की, ताकि किसी भी ठेकेदार को केवल ‘मैटप्रॉप’ मशीनें ही खरीदनी या किराए पर लेनी पड़े।

अधिकारी के अनुसार, बीएमसी के अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर एक साजिश रची और इन मशीनों का अधिकतम इस्तेमाल ऊंची दरों पर किया। पहले सामान्य गाद निकालने की दर 1,609 रुपये प्रति मीट्रिक टन थी, लेकिन इन मशीनों के लिए इसे बढ़ाकर 2,193 रुपये प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि बीएमसी के सतर्कता विभाग ने इस दर पर आपत्ति जताई, जिसके बाद पहले वाली दर को मंजूरी दी गई।

आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि बीएमसी अधिकारियों ने ठेकेदारों को 17.07 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

ईओडब्ल्यू ने मंगलवार को कहा था कि उसके पास सबूत हैं कि जब एक ठेकेदार मेटप्रॉप से ये मशीनें खरीदने गया, तो उसे बिचौलियों केतन कदम और जोशी के पास भेजा गया।

ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया कि कदम और जोशी ने इन मशीनों को दो साल के लिए आठ करोड़ रुपये में किराए पर देने की पेशकश की और बाद में चार करोड़ रुपये में समझौता किया।

इस मामले में कुल 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है, लेकिन अब तक केवल दो लोग गिरफ्तार हुए हैं।

भाषा योगेश पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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