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शनिवार, 10 मई, 2025
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अमेरिका में सड़क दुर्घटना में मारे गए चार भारतीयों में दो हैदराबाद के थे निवासी

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हैदराबाद, चार सितंबर (भाषा) अमेरिका में हुई एक सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले चार भारतीयों में दो हैदराबाद के रहने वाले थे। यह जानकारी यहां उनके परिवार को मिली।

मृतकों की पहचान हैदराबाद के कुकटपल्ली उपनगर के आर्यन रघुनाथ ओरमपट्टी, उसके दोस्त फारूक शेख, एक अन्य तेलुगु छात्र लोकेश पलाचरला और तमिलनाडु की दर्शिनी वासुदेव के रूप में की गई है।

कॉलिन काउंटी के शेरिफ कार्यालय के मुताबिक, यह हादसा शुक्रवार अपराह्न में डलास के पास अन्ना में व्हाइट स्ट्रीट पर उत्तर की तरफ यूएस-75 से थोड़ी दूरी पर हुआ और इसमें पांच वाहन शामिल थे।

तेज गति से आ रहा एक ट्रक अपनी गति कम करने में विफल रहा और एक एसयूवी गाड़ी के पिछले हिस्से से जा टकराया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि एसयूवी में आग लग गई और उसमें सवार चार लोग फंस गए, जिससे उनकी मौत हो गई।

ओरमपट्टी और शेख डलास में एक रिश्तेदार से मिलने के बाद लौट रहे थे, जबकि पलाचरला अपनी पत्नी से मुलाकात के लिए बेंटनविले जा रहे थे। वहीं, टेक्सास विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर दर्शिनी अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए अरकंसास जा रही थी।

आर्यन के पिता के एक मित्र ने बुधवार को यहां बताया कि आर्यन और उसके दोस्त फारूक सहित चार लोग कारपूलिंग ऐप का इस्तेमाल करके वाहन में एकसाथ सवार हुए थे।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शनिवार को अमेरिका में रहने वाले एक रिश्तेदार से दुर्घटना के बारे में पता चलने के बाद आर्यन के माता-पिता पहले ही अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्यन एमएस करने के लिए अमेरिका चला गया था और उसके माता-पिता मई में उसके दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि आर्यन दो साल अमेरिका में काम करने के बाद भारत लौटना चाहता था।

हैदराबाद में रहने वाले फारूक के पिता मस्तान वली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्हें शनिवार को सूचना मिली कि एक तेज रफ्तार ट्रक ने उस वाहन को पीछे से टक्कर मार दी जिसमें उनका बेटा और आर्यन सहित तीन अन्य भारतीय सफर कर रहे थे।

मस्तान वली ने कहा, ‘फारूक के कुछ दोस्तों ने अमेरिका में रहने वाली मेरी बेटी को सूचित किया। उसने मुझे शनिवार को इसके बारे में बताया। मेरी बेटी वहां के अधिकारियों के संपर्क में है।’

उन्होंने कहा कि वह फारूक के पार्थिव शरीर को हैदराबाद लाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि फारूक अगस्त 2021 में यहां से अमेरिका चला गया था और वहां एमएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद वहां काम कर रहा था।

भाषा अमित वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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