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Sunday, 3 November, 2024
होमदेशजम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकी हमले में दो प्रवासी मजदूरों की मौत, 2 गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकी हमले में दो प्रवासी मजदूरों की मौत, 2 गिरफ्तार

पुलिस ने कहा कि हमले के बाद इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक स्थानीय ‘हाइब्रिड’ आंतकवादी को गिरफ्तार किया गया.

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नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार तड़के आतंकवादियों द्वारा किए गए ग्रेनेड हमले में दो प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि हमले के बाद इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक स्थानीय ‘हाइब्रिड’ आंतकवादी को गिरफ्तार किया गया.

दरअसल, ‘हाइब्रिड’ आतंकवादी वे लोग होते हैं, जो इस तरह के आत्मघाती हमले करने के बाद अक्सर सामान्य जीवन में वापस लौट जाते हैं.

कश्मीर जोन पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘आतंकवादियों ने शोपियां के हरमन इलाके में एक ग्रेनेड फेंका, जिसमें उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मजदूर मनीष कुमार और राम सागर घायल हो गये. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.’

उन्होंने कहा कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाश की जा रही है.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), कश्मीर, विजय कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘लश्कर का एक ‘हाइब्रिड’ आतंकवादी, जिसने ग्रेनेड फेंका था उसे तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया.’

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान हरमन के इमरान बशीर गनी के रूप में हुई है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मामले के संबंध में आगे की जांच और तलाशी जारी है.

एडीजीपी विजय कुमार ने कहा कि, ‘2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी जो कि लश्कर-ए-तैय्यबा संगठन के लिए काम करता है, उसे भी जल्दी ही गिरफ्त में ले लिया जाएगा. प्रवासी मजदूर इसके सॉफ्ट टारगेट हैं. उन्होंने कहा, ‘हम इसका माकूल जवाब देंगे. हम अपराध को सिद्ध करके आरोप को कोर्ट में हाजिर करेंगे.’

वहीं फारुख अब्लुल्ला ने टारगेट किलिंग पर पत्रकारों की बातों का जवाब देते हुए कहा कि, ‘जब तक इंसाफ नहीं होगा तक यह नहीं रुकेगा.’

उन्होंने कहा, ‘पहले कहा जा रहा था कि ये किलिंग आर्टिकिल 370 के कारण हो रही है लेकिन अब ये तो खत्म हो गया फिर भी ये हत्याएं क्यों नहीं रुक रही हैं.’

फारुख अब्दुल्लाह ने कहा कि, ‘370 इसके लिए जिम्मेदार नहीं था क्योंकि आतंकवाद को बाहर से स्पॉन्सर किया जा रहा है. अगर चीजें ठीक रहतीं तो मासूम पंडित नहीं मारे गए होते.’


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