(नीलाभ श्रीवास्तव)
तिरुवनंतपुरम, 30 अगस्त (भाषा) केरल सरकार ने वायनाड भूस्खलन आपदा के पीड़ितों के लिए ‘सामुदायिक जीवन’ शैली की टाउनशिप बनाने के लिए दो स्थानों को अंतिम रूप दिया है। मंत्री के. राजन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
तीस जुलाई को हुई इस आपदा में इस पर्यटन स्थल जिले के तीन गांव पुंचरीमट्टम, चूरलमाला और मुंडक्कई पूरी तरह से नष्ट हो गए थे और 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
राजन ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने कोट्टापडी और कलपेट्टा को दो स्थलों के रूप में चिह्नित किया है, जहां भूस्खलन से प्रभावित लोगों का सामुदायिक जीवन शैली वाली टाउनशिप में पूर्ण रूप से पुनर्वास किया जाएगा।’’
केरल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में उन्होंने कहा, ‘‘हम सिर्फ बचे हुए लोगों को घर मुहैया कराकर उनका पुनर्वास नहीं कर रहे हैं, बल्कि हमारा लक्ष्य उनके लिए नौकरी और शिक्षा के साथ एक ‘‘समग्र’’ जीवन सुनिश्चित करना भी है।’’
कोट्टापडी आपदा स्थल से लगभग 11 किलोमीटर दूर है, जबकि वायनाड का जिला मुख्यालय कलपेट्टा लगभग 35 किलोमीटर दूर है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक कुल 448 शव और शरीर के अंग बरामद किए गए हैं, जिनमें से 178 की पहचान हो चुकी है। कुल 58 लोगों वाले 17 परिवारों में कोई भी जीवित नहीं बचा है।
अधिकारियों ने बताया कि केरल सरकार ने सभी बचे हुए लोगों को सरकारी छात्रावासों और इमारतों में रखा है और जो लोग वैकल्पिक निजी आवासों में रह रहे हैं, उनका किराया सरकार दे रही है और कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं।
राजन चार कैबिनेट मंत्रियों की उप-समिति में शामिल थे, जो इस आपदा के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू करने के लिए सक्रिय हो गए थे।
मंत्री ने 30 जुलाई से 24 दिन तक घटनास्थल पर डेरा डाला था।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने निजी आवासों में रहने वालों के लिए किराया देना जारी रखने का भी ‘‘निर्णय’’ लिया है, जबकि इन तीन गांवों और आसपास के क्षेत्रों के प्रभावित स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां सुनिश्चित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को एक सर्वदलीय बैठक में प्रभावित परिवारों के लिए 1,000 वर्ग फुट के एक मंजिला मकान बनाने की अपनी सरकार की योजना के बारे में बताया था, जिसे दो मंजिला तक विस्तारित करने का विकल्प भी है।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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