मुंबई, 16 अगस्त (भाषा) मुंबई के घाटकोपर इलाके के एक अस्पताल में चिकित्सकों ने 14 साल के एक ‘गोविंदा’ को मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद शनिवार को शहर में दही हांडी उत्सव के दौरान मरने वालों की संख्या दो हो गई।
एक अधिकारी ने बताया कि गांवदेवी गोविंदा पथक का हिस्सा रोहन मोहन मालवी अंधेरी पूर्व के आदर्श नगर इलाके में एक टेम्पो में बैठे हुए बेहोश हो गया। उन्होंने बताया कि रोहन को हाल ही में पीलिया हुआ था, जिसकी वजह से उसने दही-हांडी फोड़ने की रस्म में हिस्सा नहीं लिया।
उन्होंने कहा, ‘रोहन को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले मुंबई के मानखुर्द में शनिवार दोपहर को दही हांडी बांधते समय गिरने से 32 वर्षीय एक ‘गोविंदा’ की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान जगमोहन शिवकिरण चौधरी के रूप में हुई।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि जगमोहन महाराष्ट्र नगर स्थित अपने घर की पहली मंजिल की खिड़की से रस्सी के सहारे ‘दही हांडी’ बांधने की कोशिश के दौरान इमारत से नीचे गिर गया।
अधिकारी के मुताबिक, चौधरी को नगर निगम द्वारा संचालित शताब्दी गोवंडी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जन्माष्टमी के मौके पर पूरे महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव मनाया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि रात नौ बजे तक उत्सव के दौरान घायल हुए लोगों की संख्या 95 थी, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।
उन्होंने बताया, ’95 ‘गोविंदा’ में से 76 को उपचार के बाद (अस्पतालों से) छुट्टी दे दी गई, जबकि 19 अस्पताल में भर्ती हैं।’
दही हांडी उत्सव में ‘गोविंदा’ का अर्थ उन लोगों से है, जो पिरामिड बनाकर दही हांडी (ऊंचाई पर लटकी हुई दही और मक्खन से भरी मटकी) को फोड़ने की कोशिश करते हैं।
भाषा
शुभम पारुल
पारुल
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