नई दिल्ली: मणिपुर के दो आदिवासी आईएएस अधिकारियों को वित्त मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है. इनमें से एक अधिकारी कुकी-जोमी-ह्मार समुदाय से हैं और दूसरे माओ नागा समुदाय से. यह एक बड़े नौकरशाही फेरबदल का हिस्सा है.
यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के सदस्यों को वित्त मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया है. पिछले सप्ताह हुए इस फेरबदल में वित्त और अन्य मंत्रालयों, जिनमें वाणिज्य और उड्डयन मंत्रालय शामिल हैं, में 16 अन्य आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई.
मणिपुर कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी वूमलुनमंग वुलनाम, जो कुकी-जोमी-ह्मार समुदाय से हैं, को नया एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी बनाया गया है. वहीं, 1990 बैच के मणिपुर कैडर के आईएएस अधिकारी के. मोसेस चलाई, जो माओ नागा समुदाय से हैं, को वित्त मंत्रालय के तहत डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज का सचिव नियुक्त किया गया है.
वुलनाम और चलाई के अलावा मणिपुर से एक और आईएएस अधिकारी, राजेश अग्रवाल, जिन्हें वाणिज्य मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया गया है, का नाम भी शामिल है. मणिपुर में लगभग दो साल पहले जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से राज्य अस्थिरता का सामना कर रहा है. अग्रवाल, जो 1994 बैच के अधिकारी हैं, वर्तमान वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल के 30 सितंबर को रिटायर होने के बाद यह पद संभालेंगे.
मोसेस चलाई से पहले, मणिपुर के तांगखुल नागा समुदाय से आने वाले अमेइसिंग लुईखम को भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय में सचिव के रूप में एक वर्ष से थोड़े अधिक समय के लिए नियुक्त किया गया था. लेकिन यह नियुक्ति उस समय हुई थी जब सार्वजनिक उपक्रमों को भारी उद्योग मंत्रालय से अलग कर जुलाई 2021 में वित्त मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वतंत्र विभाग बनाया गया था.
जहां सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए सिविल सेवा परीक्षा की अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है, वहीं एससी और एसटी के लिए यह सीमा पाँच वर्ष बढ़ा दी जाती है, जिससे वे 37 वर्ष की आयु तक परीक्षा दे सकते हैं. इससे एससी/एसटी समुदाय के उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने के लिए अधिक समय मिलता है, लेकिन देर से क्वालीफाई करने के कारण ऐसे उम्मीदवारों के लिए सेवानिवृत्ति से पहले सचिव पद तक पहुंचना कठिन हो जाता है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले भी नौकरशाही के शीर्ष स्तरों में ओबीसी और एससी/एसटी प्रतिनिधित्व की कमी को लेकर एनडीए सरकार पर निशाना साध चुके हैं.
सेवा में और रिटायर्ड सिविल सेवकों ने दिप्रिंट को बताया कि केंद्र सरकार शायद ही कभी पूर्वोत्तर के एसटी समुदाय से सचिवों की नियुक्ति करती है. इससे पहले, 2017 में, 1984 बैच की एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम-यूटी) कैडर की आईएएस अधिकारी शकुंतला डोले गमलिन को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सचिव नियुक्त किया गया था। वह असम की मिशिंग जनजाति से थीं.
कैबिनेट सचिवालय में पूर्व समन्वय सचिव जेम्स माइकल लिंगदोह, 1961 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी थे, जो मेघालय की खासी जनजाति से थे. वे जून 2001 में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त बने.
वुएलनाम – एक पुराना वित्त विशेषज्ञ
इस नई नियुक्ति से पहले, वूलनाम सितंबर 2023 से विमानन सचिव थे. दिल्ली में मणिपुर कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने दिप्रिंट को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वूलनाम ने जून 2023 में केंद्र में प्रतिनियुक्ति का विकल्प चुना था, जो राज्य में दो जातीय समुदायों—मुख्य रूप से हिंदू मैतेई और आदिवासी कुकी—के बीच हिंसक झड़पों के एक महीने बाद का समय था.
केंद्र में आने से पहले, वूलनाम इंफाल में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर थे और योजना और कार्यक्रम कार्यान्वयन संभाल रहे थे.
अधिकारी ने कहा, “जातीय संघर्ष के बाद दोनों समुदायों के बीच जातीय आधार पर अलगाव हो गया. मौजूदा हालात के कारण कुकी समुदाय के नागरिकों और सरकारी अधिकारियों, दोनों के लिए घाटी में रहना असंभव हो गया था. जहां अधिकांश कुकी अधिकारियों को घाटी (इंफाल) से पहाड़ी जिलों में स्थानांतरित होना पड़ा, वहीं कुछ ने प्रतिनियुक्ति का रास्ता चुना और केंद्र आ गए.”
अगर राज्य में हालात सामान्य रहते, तो वूलनाम मुख्य सचिव बन सकते थे.
सेवा में और सेवानिवृत्त सिविल सेवकों ने दिप्रिंट को यह भी बताया कि वूलनाम इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार थे. “वह एक बेहद ईमानदार अधिकारी हैं. उनके रिकॉर्ड में कोई दाग नहीं है,” मणिपुर कैडर के एक सेवानिवृत्त भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी ने कहा.
वूलनाम वित्त मंत्रालय के लिए नए नहीं हैं. 2023 में विमानन सचिव बनने से पहले उन्होंने थोड़े समय के लिए आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य किया था. इससे पहले, अक्टूबर 2004 से शुरू होकर तीन वर्षों तक उन्होंने वाशिंगटन डी.सी. में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में सेवा दी थी. अगस्त 2000 से 2004 तक वह DEA में उप सचिव और अवर सचिव के रूप में भी कार्यरत थे.
“उन्होंने पहले भी वित्त मंत्रालय में काम किया है और इस पद के लिए उनके पास पर्याप्त अनुभव है,” मणिपुर कैडर के एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने कहा.
वूलनाम के अलावा, वित्त मंत्रालय में अरविंद श्रीवास्तव की भी नियुक्ति हुई है. वह 1994 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें राजस्व सचिव नियुक्त किया गया है। यह पद फरवरी से खाली पड़ा था.
अनुराधा ठाकुर, 1994 बैच की हिमाचल प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी, को DEA में विशेष कार्य अधिकारी (OSD) नियुक्त किया गया है. ठाकुर 30 जून को मौजूदा सचिव अजय सेठ के रिटायर होने के बाद आर्थिक मामलों की सचिव का पद संभालेंगी.
नागा संगठन मूसा चालाई को मणिपुर का मुख्य सचिव बनाने पर जोर
मोज़ेस चलाई 2016 से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं. अपने नए कार्यभार से पहले वे गृह मंत्रालय के अंतर्गत अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव थे.
इससे पहले, वे उत्तर पूर्वी परिषद के सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में भी सेवा दे चुके हैं.
इस साल जनवरी में, मणिपुर के सेनापति जिले में स्थित नागा पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (NPO) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मोज़ेस चलाई को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त करने की मांग की थी, जब विनीत जोशी को केंद्र वापस बुला लिया गया था.
अपने पत्र में, NPO ने कहा कि आज तक किसी भी नागा अधिकारी को यह पद नहीं मिला है, जबकि कई अधिकारी इस पद के लिए योग्य हैं. संगठन ने कहा कि मोज़ेस चलाई इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं.
वर्तमान में मणिपुर कैडर के आईएएस अधिकारियों की स्वीकृत कुल संख्या 115 है. इनमें से फिलहाल 80 पद भरे हुए हैं, जबकि 35 पद खाली हैं.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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