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Friday, 8 November, 2024
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गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद दो किसान संगठन आंदोलन से पीछे हटे

किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने खुद को मौजूदा किसान आंदोलन से अलग कर लिया है.

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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद दो किसान संगठन, किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने खुद को मौजूदा किसान आंदोलन से अलग कर लिया है.

किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा, ‘हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है. उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं…’

उन्होंने कहा. ‘आईटीओ में एक साथी शहीद भी हो गया. जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए.’

सिंह ने कहा, ‘सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी. जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी.’

भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने भी किसान आंदोलन से खुद को अलग कर लिया. उन्होंने कहा, ‘मैं कल की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं.’

दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं. पुलिस ने 200 लोगों को भी हिरासत में लिया है.

परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा में भी बैठक बुलाई थी.


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