शाहजहांपुर (उप्र), 27 मई (भाषा) शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर क्लोरीन गैस के रिसाव के बाद मची भगदड़ की जांच के लिए कॉलेज और प्रशासन ने दो जांच समितियां गठित की हैं।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि क्लोरीन गैस के रिसाव के कारण भगदड़ मची थी। कॉलेज के अंदर रविवार को गैस रिसाव की अफवाह तेजी से फैली, जिसके कारण भगदड़ मच गई।
इस दौरान घबराए तीमारदारों और मरीजों को जल्दी-जल्दी वार्ड से बाहर निकालना पड़ा। कुछ तीमारदारों ने दावा किया कि इस दौरान तपेदिक के इलाज के लिए आए एक मरीज की मौत हो गई।
हालांकि, अस्पताल और जिला अधिकारियों ने किसी के हताहत होने से इनकार किया है।
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रजनीश कुमार मिश्रा ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में रविवार को कथित रूप से ऑक्सीजन लीक होने के बाद मची भगदड़ की जांच के लिए एक समिति गठित की है जिसमें उनके अलावा पुलिस अधीक्षक (नगर) देवेंद्र कुमार तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि समिति जांच कर रही है और जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं, राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि ऑक्सीजन लीक होने की केवल अफवाह थी, लेकिन क्लोरीन गैस सिलेंडर से रिसाव हुआ था।
उन्होने स्टोर प्रभारी के हवाले से बताया कि कुछ कबाड़ नीलाम किया गया था और इसी कबाड़ में एक क्लोरीन का सिलेंडर नीचे दबा हुआ मिला था।
उन्होंने बताया कि सिलेंडर से हो रहे रिसाव को बंद करने के लिए जब कबाड़ खरीदने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने नोजल को टाइट किया तो रिसाव तेज हो गया जिसकी गंध तुरंत फैल गई। हालांकि, कुछ ही देर में ही सिलेंडर का नोजल टाइट करके रिसाव बंद कर दिया गया था, लेकिन तब तक भगदड़ मच गई।
प्राचार्य ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले में जांच के लिए डॉ. सरोज कुमार की अध्यक्षता में तीन चिकित्सकों की एक टीम गठित की है जो पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
प्राचार्य ने बताया कि जबसे राजकीय मेडिकल कॉलेज बना है, तब से कोई भी क्लोरीन गैस सिलेंडर नहीं खरीदा गया है। यह मेडिकल कॉलेज बनने से पहले जिला चिकित्सालय था, ऐसे में संभावना है कि क्लोरीन सिलेंडर पहले से कबाड़ में दबा हुआ पड़ा था। उन्होंने कहा कि कबाड़ बताकर जिन चीजों को नीलाम किया गया है उनमें क्लोरीन गैस का सिलेंडर शामिल नहीं है।
भाषा सं आनन्द नरेश संतोष
संतोष
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