ईटानगर/उत्तर लखीमपुर, 28 मार्च (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के सिविल सचिवालय की चारदीवारी पर उकेरे गए भित्ति-चित्रों को कथित तौर पर विरूपित करने के लिए असम के एक भित्ति-चित्र कलाकार सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि गिरफ्तारी के विरोध में एक युवा संगठन ने अनिश्चितकालीन नाकेबंदी की धमकी दी है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि कलाकार निलिम महंता को रविवार को असम के उत्तर लखीमपुर जिले से, जबकि अधिवक्ता ई मिलि को लोअर दिबांग घाटी के रोइंग से गिरफ्तार किया गया।
ईटानगर के पुलिस अधीक्षक जिम्मी चिराम ने बताया कि बांध-विरोधी नारे लिखकर सार्वजनिक संपदा को विरूपित करने के आरोप में उन दोनों को गिरफ्तार किया गया है।
चिराम के मुताबिक, दोनों के खिलाफ सार्वजनिक संपदा विरुपण निरोधक अधिनियम, 1984 के प्रावधानों के तहत ईटानगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, “दोनों अभियुक्तों ने दीवारों पर ‘अब और बांध नहीं’ लिखकर भित्ति-चित्र वाले हिस्से को विरूपित किया है। राज्य के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर इन दीवारों पर भित्ति-चित्र उकेरे गए थे।”
उन्होंने बताया कि महंता को असम पुलिस के सहयोग से उत्तर लखीमपुर से पकड़ा गया है और उस पर कोई बल प्रयोग नहीं किया गया है, जैसा कि पड़ोसी राज्य असम के लोगों ने आरोप लगाए हैं।
पूर्वोत्तर राज्य के कार्यकर्ता यह कहकर बड़े बांधों का विरोध करते हैं कि इससे उपजाऊ जमीन में पानी भर जाएगा, वनस्पति और प्राणियों को क्षति पहुंचेगी तथा लोग विस्थापित होंगे।
पुलिस कार्रवाई की पृष्ठभूमि में असोम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने घोषणा की है कि यदि महंता को 12 घंटे के अंदर रिहा नहीं किया जाता है तो परिषद सड़कों की अनिश्चितकालीन नाकेबंदी करेगी।
एजेवाईसीपी के महासचिव पलाश चांगमाई ने फेसबुक पेज पर यह घोषणा की है।
भाषा सुरेश पारुल
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