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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशनए IT नियमों के तहत ट्विटर पर पहली FIR, बुजुर्ग मुस्लिम शख्स पर पोस्ट को लेकर पत्रकारों पर भी मामला दर्ज

नए IT नियमों के तहत ट्विटर पर पहली FIR, बुजुर्ग मुस्लिम शख्स पर पोस्ट को लेकर पत्रकारों पर भी मामला दर्ज

प्राथमिकी में ट्विटर पर 'भ्रामक' ट्वीट को हटाने में निष्क्रियता का आरोप लगाया गया है, जिसमें कहा गया है कि इसे 'सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने' के इरादे से पोस्ट किया गया था.

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गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित करने के सिलसिले में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर, एक समाचार पोर्टल और छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस वीडियो में एक बुजुर्ग मुस्लिम गाजियाबाद में कुछ लोगों के कथित हमले के बाद अपनी व्यथा सुनाता दिख रहा है.

गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय पुलिसकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई और उसके आधार पर मंगलवार रात करीब 11.30 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई. इसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो को सांप्रदायिक अशांति भड़काने के इरादे से साझा किया गया था. सोशल मीडिया पर 14 जून को सामने आए वीडियो क्लिप में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने आरोप लगाया कि कुछ युवकों ने उसकी पिटाई की और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहा.

गाजियाबाद पुलिस ने मामले में कोई सांप्रदायिक पहलू होने से इनकार किया और कहा कि आरोपी उस ताबीज से नाखुश थे जो सैफी ने उन्हें बेचा था. पुलिस ने मुसलमानों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार युवकों की पहचान कल्लू और आदिल के रूप में हुई है. उनके अलावा पोली, आरिफ, मुशाहिद और परवेश गुर्जर भी इस घटना में शामिल थे. पुलिस ने बाद में मंगलवार को क्लिप साझा करने को लेकर ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकारों मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस के नेताओं सलमान निजामी, मश्कूर उस्मानी, डॉ शमा मोहम्मद और लेखिका सबा नकवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.

प्राथमिकी में कहा गया है, ‘इन लोगों ने मामले की सच्चाई की पुष्टि नहीं की और सार्वजनिक शांति को बाधित करने एवं धार्मिक समूहों के बीच विभाजन के इरादे से इसे सांप्रदायिक पहलू देकर ऑनलाइन साझा किया.’

इसमें कहा गया है, ‘इसके अलावा, ट्विटर इंक और ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया ने भी इन ट्वीट को हटाने के लिए कोई उपाय नहीं किया.’

दिप्रिंट प्राथमिकी पर टिप्पणी के लिए ट्विटर तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं मिली.

ट्विटर के प्रवक्ता ने दिप्रिंट को ईमेल किए एक बयान में कहा, ‘हम प्रक्रिया के हर चरण में प्रगति के बारे में एमईआईटीवाई को अवगत करा रहे हैं. एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी को रखा गया है और विवरण जल्द ही सीधे मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा. ट्विटर नए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास जारी है.’

प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, वर्ग आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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