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Sunday, 22 December, 2024
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जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर सुरंग ढही, चार शव बरामद, राहत बचाव कार्य जारी

घटना के बाद बचाव अभियान को रोक दिया गया था. पहाड़ी से पत्थर गिरने ,भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण अभियान बंद रहा और इसे सुबह ही प्रारंभ किया जा सका.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर एक निर्माणाधीन सुरंग के ढहने के बाद मलबे में फंसे नौ मजदूरों को बचाने के लिए अभियान शनिवार तड़के फिर से शुरू किया गया. राहत बचाव कार्य में अब तक कुल चार शव निकाले जा चुके हैं. वहीं, अभी भी इस घटना में 6 लोगों के लापता होने की खबरें हैं.

रामबन के उपायुक्त, मस्सारत इस्लाम ने कहा कि बरामद किए गए शवों को जिला अस्पताल भेजा गया है. राहत और बचाव कार्य जारी है

इससे पहले एक ताजा भूस्खलन के कारण अधिकारियों को शुक्रवार शाम को प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा था.

जम्मू-कश्मीर के रामबन में हुए भूस्खलन पर नायब तहसीलदार जावेद ने कहा कि शुक्रवार सुबह हमने बचाव अभियान 9:30 बजे शुरू किया और 5:30 बजे तक 90 फीसदी रास्ता साफ कर दिया था. सिर्फ 10 फीसदी ही मलबा रह गया था. उसके बाद एक नया भूस्खलन हो गया जिसके बाद दोबारा मशीनें लानी पड़ी.

उन्होंने आगे बताया कि बचाव अभियान में बारिश ने भी खलल डाली. मशीनों और कर्मचारियों की संख्या और बढ़ा दी गई हैं.

वहीं, रामबन की सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) मोहिता शर्मा ने बताया कि 7-8 और लोग फंसे हो सकते हैं. बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक अंतिम शव नहीं मिल जाता.

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा, ‘शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. 7-8 लोगों के अभी और फंसे होने की संभावना है. रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है.’

जानकारी के लिए बता दें कि अधिकारियों ने को बताया था कि गुरुवार को जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर रात को 10 बजकर 15 मिनट के करीब निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से एक मजूदर की मौत हो गई और तीन अन्य को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.

अधिकारियों ने यह भी कहा था कि नौ मजदूर अब भी मलबे में फंसे हुए हैं और बचाव अभियान जारी है. हालांकि, उनके जीवित बचे होने की संभावना बहुत कम है.

रामबन के उपायुक्त मस्सरतुल इस्लाम ने ट्वीट किया था, ‘खूनी नाला ऑडिट सुरंग में नौ लोगों के फंसे होने की आशंका है और उनकी तलाश में अभियान शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे शुरू किया गया,जो जारी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ इस अभियान में शामिल हैं.’

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार शाम को भूस्खलन के दौरान रामसू पुलिस थाने के प्रभारी नईमुल हल सहित 15 बचावकर्मी बाल बाल बचे. घटना के बाद बचाव अभियान को रोक दिया गया था. पहाड़ी से पत्थर गिरने ,भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण अभियान बंद रहा और इसे सुबह ही प्रारंभ किया जा सका.

उन्होंने बताया कि तलाश एवं बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए मजिस्ट्रेट और अन्य जवान मौके पर मौजूद हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे लोगों की पहचान पश्चिम बंगाल निवासी जादव रॉय (23), गौतम रॉय (22), दीपक रॉय (33) और परिमल रॉय (38) असम के शिवा चौहान (26), नेपाल के नवराज चौधरी (26) और कुशी राम (25) और जम्मू कश्मीर निवासी मुजफ्फर (38) और इसरत (30) के रूप में हुई है.

ये सभी लोग सुरंग के निरीक्षण कार्य में लगे थे. इससे पहले जम्मू के मंडल आयुक्त रमेश कुमार और जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह घटनास्थल पर पहुंचे. वहीं, नियंत्रण कक्ष से स्थिति की निगरानी कर रहे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को बचाव अभियान के बारे में जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि बीच-बीच में पत्थर गिरने के चलते बचाव अभियान में बाधा आ रही है.


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