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Sunday, 3 November, 2024
होमदेश'खुद को बचाने की कोशिश'- महाराष्ट्र के HM देशमुख ने परमबीर सिंह के पैसे वसूलने के आरोपों को बताया झूठ

‘खुद को बचाने की कोशिश’- महाराष्ट्र के HM देशमुख ने परमबीर सिंह के पैसे वसूलने के आरोपों को बताया झूठ

मुख्यमंत्री ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने लिखा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की 'उगाही' करने का लक्ष्य दिया था.

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नई दिल्ली: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख का गंभीर ‘गड़बड़ियों में संलिप्तता’ का आरोप लगाया है.

मुख्यमंत्री ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने लिखा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की ‘उगाही’ करने का लक्ष्य दिया था.

देशमुख ने सिंह के आरोप पर कहा कि पूर्व पुलिस कमिश्नर ने खुद को बचाने के लिए गलत आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मुकेश अंबानी और मनसुख हिरेन के मामले में सचिन वाजे की संलिप्तता अब तक की जांच से स्पष्ट नज़र आ रही है और इसकी जद में सिंह भी आ रहे हैं.

सिंह ने लिखा, ‘गृह मंत्री अनिल देशमुख के लोकमत को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि मेरे दफ्तर में एंटीलिया की जांच को लेकर कई गड़बड़ियां हुईं और मेरी गलतियां माफी लायक नहीं हैं.’

सिंह ने लिखा, ‘मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट का नेतृत्व करने वाले सचिन वाजे को अनिल देशमुख ने बीते महीनों में कई बार बुलाया था और उनके लिए फंड्स जुटाने के लिए कहा था.’

सिंह ने देशमुख पर आरोप लगाया, ‘गृह मंत्री ने वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए जुटाने के लिए कहा. इस लक्ष्य को जुटाने के लिए गृह मंत्री ने वाजे से कहा कि मुंबई में 1750 बार, रेस्तरां हैं और अगर सबसे 2-3 लाख भी मिलते हैं तो महीने में 40-50 करोड़ रुपए जमा होंगे. गृह मंत्री ने बाकी की राशि अन्य जरियों से जुटाने के लिए कहा था.’

परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे खत में ये भी लिखा कि इसके बाद वाजे ने उनसे इस बात का जिक्र किया. सिंह ने कहा कि ये सुनकर मैं काफी चकित हुआ.

बता दें कि दक्षिण मुंबई में स्थित उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट 25 फरवरी को विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार मिली थी. बाद में पांच मार्च को इस कार के मालिक हिरन का शव ठाणे में मिला था. हिरन की मौत के मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी, लेकिन बाद में इसे एनआईए को सौंप दिया गया था.

इस मामले के बीच परमबीर सिंह का मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से तबादला कर दिया गया और हेमंत नागराले को ये जिम्मेदारी दी गई.


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