नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि वो अदालतों में खाली पदों को भरेंगे और बुनियादे ढांचे में सुधार करने की कोशिश करेंगे.
रमन्ना ने तेलंगाना स्टेट ज्युडिशियल कॉन्फ्रेंस 2022 में संबोधन के दौरान अदालतों में पेंडिंग मामलों और न्यायपालिका पर बढ़ते बोझ को लेकर भी चिंता जाहिर की है.
साथ ही, चीफ जस्टिस ने कहा कि ‘न्याय तक पहुंच बनाना तभी संभव है जब हम पर्याप्त संख्या में अदालतें और बुनियादी ढांचा मुहैया कराए जाएं.’
रमन्ना ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और यहां तक कि जिला अदालतों में भी कोई खाली पद नहीं देखना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि वो न्यायपालिका को मजबूत करना चाहते हैं.
रमन्ना ने आगे कहा कि अदालतों में लंबित मामले भी एक बड़ी समस्या है और देश के विभिन्न हिस्सों में न्यायिक बुनियादी ढांचा अपर्याप्त पाया गया है.
तेलंगाना के मामले में रमन्ना ने कहा कि उन्होंने बिना किसी देरी के 24 से 42 तक जजों की संख्या बढ़ाने वाली फाइल को मंजूरी दे दी.
उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से वादियों के लिए अनुकूल माहौल बनाने और विवाद के मानवीय पहलुओं को हमेशा याद रखने का अनुरोध भी किया.
रमन्ना ने कहा, ‘कानून समानता से दूर नहीं हो सकता है. जब भी आपके पास अपने विवेक को लागू करने की गुंजाइश हो, तो न्यायपालिका के मानवीय चेहरे को पेश करना जरूरी है.’
बता दें कि इससे पहले भी साल 2016 में तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर एक कार्यक्रम के दौरान अदालतों में लंबित मामलों और जजों की कमी की समस्या को उठा चुका हैं. वो इस मुद्दे पर बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के सामने में भावुक हो गए थे.
यह भी पढ़ें: ‘इफ्तार में हिंदू, होली में मुसलमान’: पूर्व और मौजूदा छात्रों ने कहा- धार्मिक उत्सव JNU संस्कृति का हिस्सा