नई दिल्ली: भारत ने पिछले 24 घंटों में नोवेल कोरोनोवायरस के कारण 779 मौतों और 55,078 नए मामलों के साथ शुक्रवार को 16 लाख का आंकड़ा पार कर लिया. केवल चार दिनों में, भारत में कुल मामलों की संख्या में दो लाख की वृद्धि दिखी है, जबकि शुक्रवार को मामलों में किसी एक दिन में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई.
दिप्रिंट के डेली स्टेट ट्रैकर में, हम टेस्टिंग डाटा और पूरे भारत में फैल रहे संक्रमण की दर का ब्योरा देते हैं.
इस विश्लेषण के लिए हम तीन मापदंडों का उपयोग करते हैं:
आरटी वैल्यू, जिसे रिप्रोडक्शन नंबर के रूप में जाना जाता है, से किसी एक केस से संक्रमण की चपेट में आने वाले नए मामलों की संभावित संख्या का संकेत मिलता है. आर का मान एक से कम होना बताता है कि संक्रमण की दर धीमी है क्योंकि एक संक्रमित मरीज के कारण केवल एक से कम व्यक्ति ही संक्रमित होगा.
पॉजिटिविटी रेट उन लोगों का प्रतिशत है जो कि टेस्टिंग के कुल मामलों में से वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं. यह पैरामीटर दर्शाता है कि बीमारी की व्यापकता कितनी है.
टेस्ट पर मिलियन किसी क्षेत्र की प्रति दस लाख की आबादी पर किए जा रहे परीक्षणों की संख्या के बारे में बताता है.
सभी डाटा covidtoday.in से लिया गया है.
आरटी वैल्यू
31 जुलाई को भारत में आरटी वैल्यू 1.17 प्रतिशत था, जिसमें पिछले हफ्ते से कोई परिवर्तन नहीं आया.
देश में सबसे कम आरटी वैल्यू दर्ज करने वाले राज्यों की स्थिति भी पिछले 24 घंटों में अपरिवर्तित रही है. देश में सबसे कम आरटी वैल्यू 0.88 प्रतिशत दिल्ली में दर्ज की गई, उसके बाद यह आंकड़ा नगालैंड में 0.90 प्रतिशत, मेघालय में 0.96 प्रतिशत, तेलंगाना में 1.01 प्रतिशत और लद्दाख और हरियाणा में 1.07 प्रतिशत दर्ज किया गया.
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देश में सबसे ज्यादा आरटी वैल्यू दर्ज करने वाले राज्यों की स्थिति भी पिछले 24 घंटों में पहले जैसी ही रही है. सर्वोच्च आरटी वैल्यू 1.52 प्रतिशत त्रिपुरा में दर्ज की गई. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 1.45 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 1.43 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 1.40 प्रतिशत और उत्तराखंड में यह दर 1.39 प्रतिशत रही.
पॉजिटिविटी रेट
भारत में पॉजिटिविटी रेट में कमी दर्ज की गई, जो 30 जुलाई को 11.07 फीसदी की तुलना में घटकर 31 जुलाई को 10.07 प्रतिशत हो गई.
सबसे कम पॉजिटिविटी रेट दर्ज करने वाले चार राज्य तो पहले वाले ही रहे लेकिन इनकी दर में थोड़े बहुत बदलाव नजर आए. सबसे कम दर 1.71 फीसदी अरुणाचल प्रदेश में दर्ज की गई जो यहां 30 जुलाई को 1.66 प्रतिशत की तुलना में थोड़ी ज्यादा है.
इसके बाद सिक्किम में यह दर एक दिन पहले 2.70 फीसदी की तुलना में शुक्रवार को थोड़ी कम 2.54 फीसदी रही. त्रिपुरा में भी पिछले 24 घंटों के दौरान थोड़ी कमी आई और यह दर 3.12 फीसदी से घटकर 2.88 फीसदी हो गई.
हिमाचल प्रदेश में यह दर मामूली वृद्धि के साथ 3.71 प्रतिशत की तुलना में 3.75 दर्ज की गई. उत्तर प्रदेश (4.13 प्रतिशत) को पीछे छोड़कर मणिपुर 4.04 प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर आ गया.
उच्चतम सकारात्मकता दर के मामले में शीर्ष पर रहने वाले राज्य तो वही हैं लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान उनके क्रम में थोड़ा बदलाव आया. महाराष्ट्र में पॉजिटिविटी रेट 30 जुलाई के 19.11 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा बढ़कर 19.28 प्रतिशत हो गया. राज्य में लगातार दो दिनों तक नजर आई गिरावट के बाद यह उलटफेर हुआ.
पुदुच्चेरी 17.89 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा घटकर 17.30 प्रतिशत दर के साथ दूसरे स्थान पर रहा. इसके बाद कर्नाटक में यह दर बढ़कर 16.11 प्रतिशत हो गई, जिसने बिहार (15.35 प्रतिशत) को पछाड़कर तीसरा स्थान ले लिया. आंध्र प्रदेश पांचवें स्थान पर रहा, लेकिन पिछले 24 घंटों में यहां पॉजिटिविटी रेट 14.49 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर 14.60 प्रतिशत पर पहुंच गया.
प्रति 10 लाख आबादी पर टेस्ट
31 जुलाई को भारत में प्रति दस लाख आबादी पर टेस्ट का आंकड़ा 13,733 रहा. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश प्रति दस लाख आबादी पर सबसे कम परीक्षण वाले पांच शीर्ष राज्यों में शामिल रहे लेकिन इनकी दर में मामूली वृद्धि नजर आई. सबसे ज्यादा वृद्धि उत्तर प्रदेश में हुई.
बिहार में दस लाख आबादी पर सबसे कम टेस्ट (4,210) दर्ज किए गए. इसके बाद झारखंड (7,415), पश्चिम बंगाल (8,778), मध्य प्रदेश (8,820) और उत्तर प्रदेश (9,289) का नंबर रहा.
पिछले 24 घंटों में प्रति दस लाख आबादी पर सबसे ज्यादा टेस्ट करने वाले राज्य पहले वाले ही रहे. गोवा में सबसे अधिक 81,777 टेस्ट हुए, उसके बाद दादरा और नागर हवेली में 68,041, लद्दाख में 66,233, अंडमान और निकोबार में 55,671 और दिल्ली में 54,176 टेस्ट हुए.
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