अगरतला, सात सितंबर (भाषा) त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) की 38 सदस्यीय टुकड़ी ने राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के विशेषज्ञों से शहरी आतंकवाद रोधी रणनीति पर दो सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। टीएसआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह प्रशिक्षण धलाई जिले में कचुचेरा के आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी स्कूल (सीआईएटी) में आयोजित किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान टीएसआर जवानों को शहरी क्षेत्रों में बंधक बनाने की स्थिति समेत आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए विभिन्न रणनीतियां सिखाई गईं। प्रशिक्षण के दौरान सटीकता के साथ निशाना लगाने पर विशेष जोर दिया गया।
सीआईएटी के निदेशक दिलीप रे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग धनखड़ के अनुरोध के बाद, हरियाणा के मानेसर स्थित एनएसजी की पांच सदस्यीय टीम धलाई जिले के कचुचेरा स्थित सीआईएटी पहुंची और शहरी आतंकवाद विरोधी रणनीति पर 37 टीएसआर जवानों के लिए दो सप्ताह का प्रशिक्षण शुरू किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को समाप्त हुआ। ’’
उन्होंने कहा कि एनएसजी टीम का नेतृत्व भारतीय सेना के मेजर रैंक के अधिकारी कर रहे थे।
सीआईएटी के निदेशक ने कहा, ‘‘इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शहरी आतंकवादी हमले को प्रभावी ढंग से विफल करना या उसका मुकाबला करना था। बंधक स्थिति में, चाहे वह कोई सुनसान जगह हो या कोई प्रमुख प्रतिष्ठान, जवान दुश्मन को कैसे जवाब देंगे, यह प्रशिक्षण के दौरान सिखाया गया।’’
उन्होंने बताया कि टीएसआर के जवानों को हथियारों का इस्तेमाल किए बिना संभावित खतरे को बेअसर करने के तरीके पर एक विशेष अभ्यास भी कराया गया।
दिलीप रे ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान आईईडी को चलाना और विभिन्न आधुनिक हथियारों से गोली चलाना भी सिखाया गया।
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