अगरतला: त्रिपुरा के राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (टीएसईसीएल) ने खराब राजस्व संग्रह का हवाला देते हुए अपने 25 प्रबंधकों का अप्रैल माह का 40 प्रतिशत वेतन रोक दिया है.
अधिकारियों ने कहा कि इस फैसले के कारण ग्यारह वरिष्ठ प्रबंधक और 14 कनिष्ठ प्रबंधक प्रभावित हुए हैं.
टीएसईसीएल, के निदेशक (वित्त), सर्वजीत सिंह डोगरा ने शनिवार को जारी एक ज्ञापन में कहा, ‘जीएम (तकनीकी) के प्रस्ताव और निदेशक (तकनीकी) के अनुमोदन के अनुरूप जिनके नाम संलग्न सूची में इंगित किए गए हैं, उनका 40 प्रतिशत वेतन रोक दिया गया है और अप्रैल 2022 महीने के लिए जारी नहीं किया जाएगा.’
ज्ञापन में कहा गया है, ‘यह कार्रवाई अप्रैल 2022 के महीने के दौरान बिल के खराब प्रदर्शन को देखते हुए की गई है. इन राशियों को जारी करने पर आगे के विचार आने वाले बिलिंग चक्र के समय सभी डिवीजनों के बिलिंग प्रदर्शन के आधार पर किए जाएंगे.’
टीएसईसीएल के प्रबंध निदेशक देबाशीष सरकार ने बताया कि उन प्रबंधकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई जो लक्षित राजस्व का 90 प्रतिशत हासिल करने में विफल रहे.
त्रिपुरा की ‘पीक आवर’ में बिजली की मांग 310 मेगावाट है, जबकि यहां 315 मेगावाट बिजली पैदा की जाती है.
त्रिपुरा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन (टीपीईए) के महासचिव सुबीर चक्रवर्ती ने कहा, ‘कार्रवाई अनुचित लग रही है, क्योंकि निष्कर्ष निकालने से पहले उचित विश्लेषण किया जाना चाहिए था.’
उन्होंने कहा कि यहां कर्मचारियों की कमी है, जिस कारण बिल के संग्रह में गिरावट हो सकती है.
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन स्थिति का विश्लेषण करने और उपचारात्मक उपायों पर चर्चा करने के लिए 3 मई को बैठक करेगी.
अधिकारियों ने बताया कि टीएसईएल को बिलिंग उद्देश्यों के लिए लगभग 3,000 कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन यहां केवल 300 लोग हैं.
उन्होंने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए निगम आउटसोर्सिंग के लिए गया.
भाषा फाल्गुनी नरेश
नरेश
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