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शुक्रवार, 2 मई, 2025
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तृणमूल सांसद ने ओडिशा में बंगाल के श्रमिकों पर ‘हमलों’ को लेकर शाह से हस्तक्षेप का आग्रह किया

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कोलकाता, दो मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ओडिशा में पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों, विशेष रूप से मुर्शिदाबाद जिले के प्रवासी श्रमिकों पर हुए कथित हमलों को लेकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

पठान ने कड़े शब्दों में लिखे पत्र में दावा किया कि ओडिशा के बरहामपुर और आस-पास के इलाकों से कई श्रमिक अपनी जान को खतरे को लेकर भाजपा शासित राज्य से भाग गए हैं, क्योंकि उनपर ‘‘क्रूर हमले हुए, लूटपाट की गई और उन्हें कार्यस्थल खाली करने की धमकियां दी गई थीं।

तृणमूल सांसद ने 27 अप्रैल को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘मैं आपको पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों, खासकर मेरे निर्वाचन क्षेत्र बहरामपुर, मुर्शिदाबाद और आसपास के जिलों के श्रमिकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि के बारे में गंभीर चिंता के साथ लिख रहा हूं, जो हाल ही में हुए हमलों के बाद ओडिशा से लौटे हैं।’’

कई खबरों का हवाला देते हुए, तृणमूल सांसद ने आरोप लगाया कि ओडिशा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के बाद हमले शुरू हुए, जिसमें ‘‘कई संगठित समूहों’’ ने बंगाल के श्रमिकों पर ‘‘सुनियोजित हमले’’ किए हैं।

पठान ने कहा, ‘‘कई लोगों पर रात में हमला किया गया, उनके मोबाइल फोन और पैसे लूट लिये गए, उनके आधार कार्ड तोड़ दिये गए और जबरन उन्हें घरों से निकाल दिया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगस्त-सितंबर 2024 में भी ऐसी ही घटनाएं हुई थीं।’’

पत्र में क्षेत्रीय पहचान के आधार पर बंगाली श्रमिकों को निशाना बनाए जाने पर भी चिंता जताई गई है। पठान ने दावा किया कि मुसलमानों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने चार सूत्री हस्तक्षेप योजना की रूपरेखा साझा की और गृह मंत्रालय से तेजी से कार्रवाई करने का आग्रह किया।

पठान ने गृह मंत्रालय से ओडिशा सरकार को इन हिंसक गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

पठान ने केंद्र से, प्रभावित जिलों में सभी प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की।

इसके अलावा, तृणमूल सांसद ने मांग की कि हिंसा के मूल कारणों का पता लगाने के लिए एक केंद्रीय तथ्यान्वेषी टीम गठित की जाए और पश्चिम बंगाल लौट चुके लोगों को आवश्यक राहत एवं पुनर्वास सहायता दी जाए।

भाषा सुभाष मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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