नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य समीरुल इस्लाम ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि वैध पहचान दस्तावेज होने के बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों में बंगाली भाषी प्रवासियों को निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने शाह से अनुरोध किया कि वह सभी राज्यों को बंगाली भाषी प्रवासियों की सुरक्षा, सम्मान और संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित करने का निर्देश दें।
तृणमूल नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उन्हें ‘पश्चिम बंगाल के वैध भारतीय नागरिकों को गलत तरीके से हिरासत में लिये जाने, उन पर हमला किये जाने और उन्हें परेशान किये जाने की कई परेशान करने वाली रिपोर्टें मिली हैं।’
इस्लाम का यह पत्र गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और ओडिशा समेत कई राज्यों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई की पृष्ठभूमि में आया है।
तृणमूल नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल से मूल निवासी होने का दावा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई शुरू करने से पहले पूरी तरह सत्यापन प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने शाह से आग्रह किया कि ऐसे मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार के साथ समन्वय करना अनिवार्य बनाया जाए जहां कोई भी बंगाली भाषी व्यक्ति संकट में पाया जाता है।
इस्लाम ने कहा कि वह ‘विशेष रूप से गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र और ओडिशा में बंगाली भाषी प्रवासी श्रमिकों के साथ हो रही हिंसा, भेदभाव और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के बारे में गंभीर चिंता और तत्काल आवश्यकता की भावना से यह लिख रहे हैं।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इनमें से कई व्यक्तियों को, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे वैध पहचान दस्तावेज होने के बावजूद, बिना किसी ठोस कारण के अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है – कुछ को कई दिनों तक।’’
तृणमूल सांसद ने कहा कि कई मामलों में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के निवासियों को गुजरात में हिरासत में लिया गया है, जबकि उनके पास पहचान के कई वैध दस्तावेज मौजूद थे।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि बंगाली भाषी बस्तियों में आग लगा दी गई, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण दस्तावेज नष्ट हो गए और परिवारों को जबरन विस्थापित होना पड़ा।’’
भाषा
राजकुमार प्रशांत
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