scorecardresearch
Thursday, 20 November, 2025
होमदेशतृणमूल सांसद ने बंगाल में 'निष्क्रिय' आधार नंबरों की यूआईडीएआई सूची पर सवाल उठाए

तृणमूल सांसद ने बंगाल में ‘निष्क्रिय’ आधार नंबरों की यूआईडीएआई सूची पर सवाल उठाए

Text Size:

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने बृहस्पतिवार को सवाल उठाया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने पश्चिम बंगाल के ‘निष्क्रिय’ आधार नंबरों की सूची भारत निर्वाचन आयोग के साथ कैसे साझा की और कहा कि उसने पहले दावा किया था कि ऐसी सूची नहीं रखी जाती हैं।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य गोखले ने आरोप लगाया कि भारत निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी के लिए मोदी सरकार के यूआईडीएआई के साथ मिलकर काम कर रहा है।’

गोखले ने कहा, ‘कुछ दिन पहले यह रिपोर्ट आई थी कि यूआईडीएआई (जो आधार जारी करता है) ने ईसीआई के साथ 30-32 लाख निष्क्रिय आधार नंबर साझा किए हैं। यूआईडीएआई का दावा है कि ये आधार नंबर उन लोगों के हैं जिनकी मौत हो चुकी है।’

गोखले ने कहा, ‘अब यह फर्जीवाड़ा है… पिछले साल यूआईडीएआई ने मुझे निष्क्रिय हुए आधार के बारे में एक पत्र भेजा था। उस पत्र में कहा गया था: ‘यूआईडीएआई निष्क्रिय हुए आधार नंबरों के लिए राज्य-वार और कारण-वार विवरण नहीं रखता है’।’

उन्होंने यूआईडीएआई का 26 फरवरी 2024 का एक जवाब साझा किया, जिसमें उसने कहा था कि राज्यवार और कारण के हिसाब से डेटा नहीं रखा जाता है। जवाब में यह भी कहा गया कि तब तक 103 लाख आधार कार्ड निष्क्रिय हो चुके थे, जिनमें 82 लाख वे लोग भी शामिल थे जिनकी मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘दूसरे शब्दों में यूआईडीएआई ने मुझे लिखकर बताया कि वह सिर्फ निष्क्रिय किए गए आधारों की एक आम सूची रखता है। उसे नहीं पता कि ये आधार किन राज्यों में जारी किए गए थे और निष्क्रिय होने का क्या कारण था।’

उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई ने संसद में भी यही बात कही थी।

उन्होंने कहा, ‘ऐसे में यूआईडीएआई कैसे दावा कर रहा है कि खास तौर पर पश्चिम बंगाल में 30-32 लाख आधार निष्क्रिय हैं, जबकि वह राज्यवार डेटा नहीं रखता है?’

भाषा

शुभम नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments