नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया है कि गत बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तीन विधेयक पेश किए जाने के दौरान केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मुर्शिदाबाद के पार्टी सांसद अबू ताहिर खान को धक्का दिया।
पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि 21 अगस्त को लिखे पत्र में तृणमूल की लोकसभा में उपनेता शताब्दी रॉय और सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मुर्शिदाबाद के सांसद को बिना किसी उकसावे के धक्का दिया गया, जब वह सदन में आसन के निकट खड़े थे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच लोकसभा में ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश किए थे। बाद में उनके प्रस्ताव पर सदन ने तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया।
इनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार 30 दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के प्रावधान हैं।
तृणमूल की दोनों सांसदों ने यह भी कहा कि वे विधेयक पेश किए जाने के दौरान विरोध करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे थे।
बीते बुधवार को लोकसभा में उस वक्त भारी हंगामा हुआ था जब विधेयकों की प्रतियां फाड़ी गईं और फेंकी गईं।
अपने पत्र में तृणमूल नेताओं ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में उनका कर्तव्य है कि वे जनता की आवाज उठाएं।
उन्होंने सरकार पर संविधान संशोधन विधेयक लाने में सभी संसदीय नियमों और मानदंडों को दरकिनार करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि विरोध के दौरान ताहिर सदन में आसन के निकट खड़े थे, जब बिट्टू ने उन्हें ‘जबरदस्ती और हिंसक’ तरीके से धक्का दिया।
उन्होंने पत्र में कहा, ‘इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान हमारे माननीय सहयोगी अबू ताहिर आसन के किनारे खड़े थे। वह एक ऐसे सदस्य हैं जो हाल में एक गंभीर बीमारी से गुजरे हैं, जिसके लिए उन्हें महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था और यह एक ऐसा तथ्य है जिससे हमारे अधिकतर माननीय सहयोगी, जिनमें सत्ता पक्ष के सदस्य भी शामिल हैं, अच्छी तरह परिचित हैं।’
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू बिट्टू के पीछे खड़े थे और ‘अपने सहयोगियों को प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों पर हमला करने के लिए उकसा रहे थे।’
तृणमूल सांसदों ने कहा, ‘इस बिना उकसावे के हमले ने हमें अपनी सुरक्षा को लेकर तब तक डरा दिया जब तक कि हमारे सहयोगी माननीय सांसद यूसुफ पठान हमारी रक्षा के लिए हमारे और आक्रामक माननीय मंत्रियों के बीच खड़े नहीं हो गए।’
उन्होंने अध्यक्ष से ‘कठोर’ कार्रवाई करने का आग्रह किया।
भाषा हक पारुल माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.