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मंगलवार, 3 जून, 2025
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तृणमूल नेता कुणाल घोष ने पार्टी पदों को छोड़ने की इच्छा जताई, बंद्योपाध्याय पर साधा निशाना

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कोलकाता, एक मार्च (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को कहा कि वह पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा देना चाहते हैं।

नए नेताओं को मौका देने को लेकर मुखर रहने वाले घोष ने पार्टी के पुराने नेताओं के एक वर्ग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मिलीभगत करने का आरोप लगाया।

टीएमसी के प्रवक्ता और राज्य इकाई के महासचिव घोष ने कहा कि उन्हें लगता है कि वह व्यवस्था में फिट नहीं बैठते। हालांकि, उन्होंने किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने की अफवाहों को खारिज कर दिया।

घोष ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं राज्य इकाई के महासचिव और प्रवक्ता के पद पर नहीं रहना चाहता। मैं व्यवस्था में फिट नहीं बैठता। मैं इस तरह से काम नहीं कर सकता। मैं पार्टी का सिपाही हूं और इसके लिए काम करता रहूंगा। यह अफवाह बंद करें कि मैं किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने की योजना बना रहा हूं।”

बाद में, एक बांगला समाचार चैनल से बात करते हुए घोष ने उनका अपमान करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग की आलोचना की कहा कि वे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे कि यह ‘कुछ नेताओं की जागीर’ हो।

उन्होंने कहा,‘‘वे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे कि टीएमसी कुछ नेताओं की जागीर है। उत्तरी कोलकाता में, सुदीप बंदोपाध्याय हैं जो टीएमसी सांसद से ज्यादा भाजपा नेता हैं। वह दूसरे शाहजहां शेख की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वह भाजपा के प्रति नरम हैं क्योंकि भाजपा (के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की एजेंसी) भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है।”

टीएमसी के पूर्व नेता शाहजहां शेख संदेशखालि मामले में प्रमुख आरोपियों में से एक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे पश्चिम बंगाल में, टीएमसी 42 लोकसभा सीट में से 41 पर भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। लेकिन उत्तरी कोलकाता में, भाजपा बनाम भाजपा की लड़ाई है क्योंकि सुदीप बंदोपाध्याय भाजपा के साथ मिले हुए हैं।’’

घोष के आरोपों पर बंद्योपाध्याय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले घोष ने पिछले साल कहा था कि पुराने नेताओं को यह जानने की जरूरत है कि अगली पीढ़ी के लिए कब हटना है।

इसके बाद, मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए पार्टी नेताओं को सार्वजनिक रूप से मतभेदों पर चर्चा करने से परहेज करने का निर्देश दिया था। उन्होंने जोर दिया था कि कोई भी उल्लंघन होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

भाषा जोहेब धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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