नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने बी आर आंबेडकर के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा।
एक सूत्र ने कहा कि राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दाखिल किया है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सदन में यह मुद्दा उठाया और भोजनावकाश के बाद सदन से बहिर्गमन किया।
सूत्र के अनुसार, यह नोटिस राज्यसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम 187 के तहत दाखिल किया गया है।
नोटिस में गृह मंत्री द्वारा मंगलवार को उच्च सदन में ‘भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा’ पर दो दिवसीय चर्चा का जवाब देते हुए दिए गए बयान का भी हवाला दिया गया है।
सूत्र ने कहा कि डेरेक ओ ब्रायन ने नोटिस में आरोप लगाया है कि शाह की टिप्पणी से आंबेडकर की विरासत और संसद की गरिमा को ठेस पहुंची है।
संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर पर शाह द्वारा कथित तौर पर की गई एक टिप्पणी को लेकर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने पार्टी सांसदों के बहिर्गमन करने के बाद कहा, ‘‘गृह मंत्री ने आंबेडकर जी पर जिस तरह का बयान दिया, वह देश का अपमान है। बाबासाहेब ने हमें हमारा संविधान दिया है और उन्हीं बाबासाहेब का गृह मंत्री ने अपमान किया है।’’
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘‘यदि इस पार्टी (भाजपा) को 400 सीट मिल जातीं तो यह दलितों और आदिवासियों के साथ क्या करती?’’
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री गृह मंत्री शाह के पापों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को अपनी ‘दलित विरोधी’ मानसिकता छोड़ देनी चाहिए।’’
शाह ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘अभी एक फैशन हो गया है – आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
भाषा
देवेंद्र अविनाश
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