कोलकाता, 18 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद से बहरामपुर के सांसद यूसुफ पठान की अनुपस्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचना के बीच तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि वे फोन पर उनसे संपर्क में हैं और उनसे जल्द ही जिले का दौरा करने का आग्रह किया है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि जिला तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पिछले सप्ताह सांप्रदायिक झड़पों के दौरान बहरामपुर के सांसद के मुर्शिदाबाद न जाने से ‘‘नाखुश’’ है। जिला इकाई के एक वर्ग का कहना है कि पार्टी ने एक ‘सेलिब्रिटी’ को उम्मीदवार बनाकर गलती की, जो संकट के दौरान अनुपस्थित रहा और जो जमीनी कार्यकर्ताओं से दूर रहता है।
मुर्शिदाबाद से सांसद और वरिष्ठ तृणमूल नेता अबू ताहिर खान ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘वह (यूसुफ पठान) एक क्रिकेटर और एक सेलिब्रिटी हैं। वह यहाँ क्यों आएंगे? हम ही हैं जो जमीन पर स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। सेलिब्रिटी को नामांकित करने में यही समस्या है। वह फोन पर हमसे संपर्क में हैं और हमने उनसे जिले में आने के लिए कहा है। लेकिन अभी वह आईपीएल में व्यस्त हैं।’’
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पहली बार सांसद बने पठान ने पिछले साल के लोकसभा चुनाव में बहरामपुर से पांच बार के कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को हराया था, जिससे इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस का दशकों पुराना दबदबा खत्म हो गया था।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेता पठान से ‘‘खुश नहीं’’ हैं, खासकर तब जब उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट कीं, जिन्हें वर्तमान संदर्भ में ‘‘असंवेदनशील’’ माना गया।
तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘हालांकि हिंसा प्रभावित इलाके उनके निर्वाचन क्षेत्र में नहीं आते, लेकिन उन्हें कम से कम जिले का दौरा तो करना चाहिए था। नेतृत्व इस पर विचार कर रहा है।’’
पिछले हफ़्ते मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में तीन लोगों की मौत हो गई थी। ये इलाके पठान के निर्वाचन क्षेत्र बहरामपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर हैं।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि बंगाल जल रहा है, लेकिन तृणमूल सांसद यूसुफ पठान चाय की चुस्की लेने में व्यस्त हैं और हिन्दुओं का कत्लेआम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस का असली चेहरा है।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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