लखनऊ: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बीती रात हुई हिंसा के विरोध में सोमवार दोपहर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने तिरंगा मार्च निकाला. इस दौरान दर्जनों छात्र हाथों में पोस्टर लिए ‘स्टैंड विद JNU’ जैसे तमाम स्लोगन वाले पोस्टर लेकर एबीवीपी और दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ लखनऊ में कांग्रेस व समाजवादी छात्रसभा ने भी इस हिंसा के विरोध में धरना प्रदर्शन किया.
अखिलेश ने बीजेपी पर साधा निशाना
अखिलेश यादव के मुताबिक, जेएनयू को एक विचारधारा के लोग उसी विचारधारा में ढालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वाराणसी में समाजवादी छात्रसभा के नेताओं पर भी जेएनयू जैसे हमले हुए थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस का व्यवहार भी संदेह के घेरे में है. उस पर तो प्रश्न चिन्ह लग रहा है. भाजपा बेहतर ढंग से जानती है कि प्रोपेगेंडा कैसे फैलाया जाता है.
अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा तो देश के हर विश्वविद्यालय को बर्बाद करना चाहती है. एक ही रंग के लोग प्रदेश में और देश मे आग लगा रहे हैं. भाजपा तो कभी सत्य नहीं बोलती है. भाजपा तो झूठी पार्टी है. जेएनयू में दंगों के पीछे भाजपा का हाथ है. सरकार और पुलिस जानती है कि जेएनयू की हिंसा के पीछे षड्यंत्र किसका था, उनपर तुरंत कार्यवाही हो.’
समाजवादी छात्रसभा द्वारा ने लखनऊ स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल पर धरना देकर आक्रोश व्यक्त किया. इस धरना कार्यक्रम में समाजवादी छात्रसभा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूजा शुक्ला सहित सर्वश्री ओम यादव, यामीन खान, मनोज काका समेत तमाम युवाओं ने हिस्सा लिया.
जेएनयू हिंसा को कांग्रेस ने बताया बीजेपी की साजिश
जेएनयू हिंसा की निंदा करते हुए कांग्रेस के यूपी चीफ अजय कुमार लल्लू ने कहा कि केन्द्र में बीजेपी सरकार बनने के पश्चात लगातार जिस तरीके से शैक्षणिक संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है और अपने पिछले कार्यकाल में भाजपा ने लगातार जेएनयू को बदनाम करने की कोशिश की, जब उनकी यह साजिश कामयाब नहीं हो पाई तो सुनियोजित तरीके से सीधे अपने नकाबपोश गुंडे भेजकर हिंसा करवाई. यह दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी देश के छात्रों, युवाओं की आवाज दबाकर संविधान को कमजोर कर रही है. वहीं जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया गया.