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शनिवार, 10 मई, 2025
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‘पेरियार’ ई वी रामास्वामी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी गयी

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चेन्नई, 17 सितंबर (भाषा) तमिलनाडु में रविवार को समाज सुधारक ‘पेरियार’ ई वी. रामास्वामी की जयंती मनायी गयी तथा मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों और उनकी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

पेरियार की जयंती तमिलनाडु में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनायी जाती है क्योंकि राज्य की प्रगति में उनके द्वारा शुरू किये गये आत्मसम्मान आंदोलन की बड़ी भूमिका रही है। इस आंदोलन के चलते ही पिछड़े एवं वंचित वर्ग के लोग अपने लिए उठ खड़े हुए तथा फिर दमनकारी सामाजिक व्यवस्था काफी हद तक बदली।

तर्कवादी नेता पेरियार का 17 सितंबर, 1879 में जन्म हुआ था तथा 24 दिसंबर, 1973 को उनका देहावसान हो गया।

द्रमुक ने सात मई, 2021 को राज्य की सत्ता में आने के बाद विधानसभा में घोषणा की थी कि पेरियार की जयंती हर साल सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनायी जाएगी।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में स्टालिन ने कहा,‘‘उनका जीवन अपने आप में एक राजनीतिक दर्शन है। वह ऐसे सुधारवादी थे जिन्होंने भाषा, देश और धर्म से परे हटकर मानवता एवं आत्मसम्मान के आधार पर राजनीति पर बल दिया था।’’

उन्होंने कहा,‘‘मैं मुथुवेल करूणानिधि स्टालिन का यह शासन पेरियार के प्रति तथा दिवंगत मुख्यमंत्रियों अन्ना (सी एन अन्नादुरई), कलैगनार (एम करूणानिधि) द्वारा दिखाये गये मार्ग पर समर्पित करता हूं।’’

उन्होंने कहा,‘‘आज हमने जो योजनाएं बनायी हैं वे महिला मुक्ति तथा समतामूलक समाज के लिए पेरियार द्वारा तय किये गये मूलभूत तत्वों पर आधारित हैं।’’

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव एडप्पड्डी के पलानीस्वामी ने कहा कि पेरियार एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने सामाजिक विषमताओं को दूर करने, महिला दासता के उन्मूलन तथा जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए लड़ाई लड़ी।

विधानसभा में विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने कहा,‘‘पेरियार की जयंती के मौके पर मैं उन्हें नमन करता हूं।’’

रविवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पेरियार की जयंती पर कहा कि उनकी विरासत सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा,‘‘आज हम पेरियार को याद करते हैं, जिन्होंने भेदभाव का उन्मूलन सुनिश्चित कर वंचित तबके के लोगों के लिए संघर्ष की अगुवाई की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी विरासत हम सभी के लिए सामाजिक न्याय के मूल्यों को अक्षुण्ण रखते हुए बेहतर विश्व के वास्ते एकजुट होकर संघर्ष करने की प्रेरणा है।’’

उन्होंने पोस्ट में पेरियार की तस्वीर भी साझा की।

भाषा राजकुमार सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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