नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय नौसेना के जहाज, पनडुब्बियां और विमान संचालन के लिए पूरी तरह तैयार और तैनात थे, जिससे समुद्री क्षेत्र में ‘‘हमारे पश्चिमी दुश्मन की किसी भी संभावित कार्रवाई’’ को रोकने के लिए ताकत और तैयारी का पता चलता है।
यहां नौसेना भवन में आयोजित एक अलंकरण समारोह में अपने संबोधन में एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ‘‘इस तीव्र और नपी-तुली प्रतिक्रिया ने न केवल हमारी सामरिक मजबूती और समुद्री प्रभुत्व को प्रदर्शित किया, बल्कि दृढ़ संकल्प का स्पष्ट संदेश भी दिया। और मैं कहना चाहूंगा कि इससे हमारे शत्रु को समय रहते संघर्ष विराम का अनुरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ा।’’
नौसेना प्रमुख ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर किसी भी आतंकी हमले को देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना मानने संबंधी भारत के निर्णय का भी जिक्र किया।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ‘‘किसी भी आतंकी हमले को युद्ध छेड़ना मानने संबंधी भारत के नये रुख ने हमारे संचालन दृष्टिकोण में नया आयाम जोड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जटिलताओं से भरे युग और तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में नौसेना की भूमिका पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।’’
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक, भू-रणनीतिक परिदृश्य और वर्तमान में चल रहे संघर्षों ने ‘‘हमारी जिम्मेदारी काफी बढ़ा दी है।’’
नौसेना अलंकरण समारोह 2025 में पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह अवसर ‘‘खतरनाक या मुश्किल परिस्थितियों में बहादुरी’’ और ‘‘स्वयं से पहले (राष्ट्र की) सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता’’ की स्थायी भावना का प्रतीक है।
एडमिरल त्रिपाठी ने ‘ऑपरेशन संकल्प’ के दौरान नौसेना के पश्चिमी बेड़े के संचालन अधिकारी के रूप में असाधारण पेशेवर प्रदर्शन के लिए कमोडोर कार्तिक श्रीमल को प्रतिष्ठित युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया।
नौसेना अलंकरण समारोह का आयोजन नवनिर्मित नौसेना भवन में पहली बार किया गया।
भारतीय नौसेना ने दिसंबर 2023 में ‘ऑपरेशन संकल्प’ शुरू किया था, जिसके तहत उसने लाल सागर, अदन की खाड़ी, उत्तरी अरब सागर और सोमालिया के पूर्वी तट के पास समुद्री लूट रोधी, ड्रोन रोधी और मिसाइल रोधी अभियान चलाए।
समारोह के दौरान, नौसेना प्रमुख ने अन्य नौसैन्य कर्मियों को नौसेना पदक (वीरता), नौसेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) और विशिष्ट सेवा पदक प्रदान किए, जिन्होंने नेतृत्व, पेशेवर उपलब्धि का प्रदर्शन किया है और उच्च स्तर की विशिष्ट सेवा दी है।
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