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Friday, 10 May, 2024
होमदेशट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कहा- 'जो सरकारें रोजी-रोटी दे न सकें, वो निकम्मी हैं' 

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कहा- ‘जो सरकारें रोजी-रोटी दे न सकें, वो निकम्मी हैं’ 

यूनाइटेड फ्रंट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर के तले करीब 40 से ज्यादा छोटे- बड़े संगठनो ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडगरी, मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला.

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नई दिल्ली : नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर वाहन चालकों, ट्रांसपोर्टरों और आम नागरिकों से भारी-भरकम जुर्माना वसूलने के विरोध में यूनाइटेड फ्रंट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 19 सितंबर को चक्का जाम करने की बात कही है. सोमवार को एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में लोग विरोध करने पहुंचे थे. इस दौरान एक ही नारा गूंज रहा था ‘जो सरकारें रोजी-रोटी दे न सकें, वो निकम्मी हैं.’

यूनाइटेड फ्रंट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की अगुवाई में सोमवार को हुए इस प्रदर्शन में हरियाणा के प्राइवेट बस ओनर्स एसोसिएशन, ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन, ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट यूनियन और ऑल इंडिया लक्ज़री बस एसोसिएशन सहित 40 से ज्यादा संगठनों ने हिस्सा लिया. इन संगठनों ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडगरी, मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला. विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला. उनका कहना था, ‘अगर उनकी मांगें सरकार ने नहीं मानी तो 19 सितंबर को दिल्ली में चक्का जाम होगा.’

यूनाइटेड फ्रंट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य ने दिप्रिंट से कहा, ‘अगर उत्तराखंड, गुजरात सरकार ने जुर्माने को कम कर दिया तो दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार क्यों नहीं कर रही है. हम भारी-भरकम जुर्माना वसूलने के विरोध में हैं. हम चाहते हैं कि ट्रांसपोर्टरों को रियायत दी जाय जिससे वह अपना जीवनयापन ठीक ढंग से कर सके.’

दिल्ली ऑटो टैक्सी के सदस्य ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘इस तरह से जुर्माना वसूला जायेगा तो ऑटो वालों को अपना घर बेचना पड़ेगा. ऐसा कैसे घर चलेगा, वो तो मर जायेगें हम लोगों को सभी टैक्स देने पड़ते हैं. क्या-क्या दें, ड्राइवर क्या खायेगा और क्या कमायेगा और कंडक्टर, क्या करेगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार के पास हम लोगों के लिए कोई उपाय है. सरकार को पता नहीं है कि एक गाड़ी से कितने घर चलते हैं.’

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ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के प्रमुख दिलीप ने कहा, ‘सरकार के पास पैसा नहीं है, सरकार डूब रही है हम मानते हैं, लेकिन हम लोग क्या करें. सभी पैसे आम व्यक्तियों से ही वसूले जायेंगे? क्या सरकार बीमा कंपनियों से दलाली का काम कर रही है. हम गाड़ियों का इंश्योरेंस क्यों कराएं.’

वहीं यूनाइटेड फ्रंट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन हरीश सब्बरवाल ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना वसूलने के मुद्दे पर कहा, ‘सरकार की मार को हम लगातार झेल रहे हैं. सरकार ने पहले टैक्स बढ़ा दिए, फिर जीएसटी लगा दिया और अब भरी भरकम जुर्माना थोपा जा रहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसकी वजह से इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ गया. बस, ट्रक जैसे तमाम वाहनों के दामों और किरायों में वृद्धि हुई है जिससे महंगाई बढ़ रही है. वैसे भी हम लोग मंदी की मार झेल रहे हैं और सरकार ने हम लोगों पर तुगलकी फरमान जारी कर रही है.’

नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर वाहन चालकों, ट्रांसपोर्टरों ने सोमवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया/फोटो- गौरव/दिप्रिंट
नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर वाहन चालकों, ट्रांसपोर्टरों ने सोमवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया/फोटो- गौरव/दिप्रिंट

सब्बरवाल कहते हैं, ‘सरकार ने बिना सोचे समझे जुर्माना बढ़ाया है.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘अगर विदेश की तरह जुर्माना लगाना चाहते हैं, तो उनका इंफ्रास्ट्रक्चर देखिये, उनकी पुलिस को देखिये आपकी पुलिस भ्रष्टाचार में लिप्त है. पुलिस, आरटीओ सब मिले हुए हैं, हम लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि हमारे द्वारा चुनी हुई सरकार हमको रौंदने में क्यों लगी हुई है.’

मोटर वाहन एक्ट में हुए बदलाव

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोटर वाहन अधिनियम (1988) के प्रावधानों को संशोधित करने के लिए ‘मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019’ को संसद के दोनों सदनों में पारित कराया था जिसमें तमाम बदलाव किये गए थे.

रेसिंग करने पर पहले पांच सौ रुपये जुर्माना था और नए एक्ट में पांच हजार के जुर्माने का प्रावधान है. वहीं सीट बेल्ट न लगाने पर पहले सौ रुपये और नए एक्ट में अब एक हजार का जुर्माना है. अगर कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पकड़ा जाता था तो उसे सौ रुपये का जुर्माना लगता था और नए एक्ट में अब एक हजार का जुर्माना वसूलने का प्रावधान है.

गाड़ी के इंश्योरेंश को लेकर एक्ट में पहले एक हजार रुपये का जुर्माना था वहीं, नए एक्ट में दो हजार रुपये वसूले जायेंगे. अगर कोई व्यक्ति बिना डीएल के पकड़ा जाता है तो नए एक्ट के अनुसार पांच हजार रुपये देने होंगे. ओवरस्पीड, ड्रंकन ड्राइविंग, खतरनाक ड्राइविंग सहित तमाम जुर्मानों में भारी बढ़ोत्तरी की गई, जिसका विरोध लगातार हो रहा है.

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