नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को संकेत दिया कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले को दिल्ली या कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने पर विचार करेगा।
शीर्ष अदालत ने 2024 में मामले का स्वतः संज्ञान लिया था।
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अलग-अलग नहीं की जा सकती क्योंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय में कई मामले लंबित हैं।
सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने जूनियर और वरिष्ठ चिकित्सकों के एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी से कलकत्ता उच्च न्यायालय में लंबित मामलों की एक तालिका प्रस्तुत करने को कहा।
नंदी ने दलील दी कि प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा है और उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।
उन्होंने शीर्ष अदालत से चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया।
उनकी दलीलों पर गौर करने के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि वह चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए ‘‘व्यापक आदेश’’ पारित नहीं कर सकती, बल्कि अगली सुनवाई में इस मामले पर विचार करेगी।
पीठ ने कहा, ‘‘हम इतनी सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं और इसका कोई अंत नहीं है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के लिए, विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करना आसान है। कोलकाता में हो रहे विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करना हमारे लिए क्या दिल्ली में बैठकर संभव है?’’
न्यायालय ने मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘‘हम चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए व्यापक आदेश कैसे पारित कर सकते हैं? पुलिस को आपको बुलाने का अधिकार है।’’
अब मामले की सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी।
शीर्ष अदालत ने 19 अगस्त 2024 को मामले की निगरानी अपने हाथ में ले ली थी।
भाषा सुभाष अविनाश
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