शिलांग, सात अगस्त (भाषा) मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने बृहस्पतिवार को बताया कि मंत्रिमंडल ने एक नये नियम को मंजूरी दी है जिसके तहत राज्य में पारंपरिक किण्वित (फरमेंटेड) मादक पेय पदार्थों के उत्पादन और बिक्री को उचित लाइसेंसिंग के तहत वैध कर दिया गया है।
संगमा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि नया नियम केवल उन पारंपरिक पेय पदार्थों पर लागू होगा जो राज्य की स्वदेशी जनजातियों द्वारा तैयार किए जाते हैं, जैसे कि ‘बिची’।
यह नियम आसवन (डिस्टिल्ड) वाली शराब पर लागू नहीं होगा क्योंकि वह अलग श्रेणी में आती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब तक हमारे पारंपरिक किण्वित पेय पदार्थों को लेकर कोई कानूनी ढांचा नहीं था। अब हम इन्हें मान्यता दे रहे हैं और स्थानीय स्तर पर तैयार इन पेय पदार्थों को वैध रूप से बनाने और बेचने की सुविधा देने के लिए व्यक्तियों, उद्यमियों, समितियों और कंपनियों को लाइसेंस प्रदान करने की व्यवस्था कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इस कदम से स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और उत्पादन की गुणवत्ता व सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
संगमा ने कहा, “यह परंपरा को संरक्षित करने, स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बनाने और हमारी समृद्ध विरासत को जिम्मेदारी से उपयोग में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
भाषा राखी सुरेश
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