नई दिल्ली: बुधवार को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के दुर्भाग्यपूर्ण एमआई-17वी5 चॉपर के गिरने से कुछ सेकेंड्स पहले ही सैलानियों के एक ग्रुप द्वारा शूट किए गए तथाकथित वीडियो से एक और अंदाज़ा हुआ कि घटना के दौरान क्या हुआ होगा.
हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे जिनमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका रावत और अन्य अधिकारी शामिल थे.
वीडियो में नज़र आया कि हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और वो घने कोहरे या बादलों में गुम हो गया. कुछ ही सेकंड्स के बाद चॉपर के गिरने की आवाज़ सुनी जा सकती थी.
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को लोकसभा को बताया कि उतरने के समय से सात मिनट पहले, चॉपर का सुलूर एयर बेस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया था.
सिंह ने ये भी कहा कि घटना की ट्राइ-सर्विस जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जांच टीम की अध्यक्षता ट्रेनिंग कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह करेंगे.
हादसे से कुछ सेकेंड्स पहले शूट हुए वीडियो से पता चलता है कि क्या हुआ?
शूट किए गए नए वीडियो में ये भी नज़र आया कि मौसम ख़राब था, जो बुधवार को कई स्रोतों द्वारा बताई गई रिपोर्ट्स के उलट था.
रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्र जिन्होंने वीडियो देखा है, उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि हेलिकॉप्टर हेलिपैड के क़रीब था, इसलिए नीचे उड़ रहा था.
ट्राई-सर्विस इनक्वायरी हादसे के सही कारण का पता लगाएगी और वीडियो तथा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) से भी इस पर कुछ रोशनी पड़ेगी.
सूत्रों ने कहा कि विमान के पायलट विंग कमांडर पृथ्वी सिंह की ओर से सहायता की कोई पुकार नहीं थी, जो 109 हेलिकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर थे.
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राजनाथ ने संसद को क्या बताया
घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जनरल रावत डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के निर्धारित दौरे पर थे, जहां उन्हें छात्र अधिकारियों के साथ बातचीत करनी थी. लोकसभा में एक बयान में उन्होंने कहा कि आईएएफ चॉपर ने सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर सुलूर हवाई ठिकाने से उड़ान भरी और उसे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंगटन में उतरना था.
उन्होंने कहा, सुलूर एयर बेस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का करीब 12 बजकर 08 मिनट पर हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया. उसके बाद कुछ स्थानीय लोगों ने कूनूर के पास कुछ आग देखी, और वो भागकर वहां पहुंचे जहां उन्होंने एक सैन्य हेलिकॉप्टर का मलबा देखा, जो आग की लपटों में घिरा हुआ था. पास के स्थानीय प्रशासन से बचाव टीमें वहां पहुंच गईं, और उन्होंने हादसे की जगह से जीवित बचे लोगों को ले जाने की कोशिश की’.
दिप्रिंट ने पहले ख़बर दी थी कि चॉपर में सवार 14 लोगों में से, चार को शुरू में वहां से निकाल लिया गया था, जिनमें जनरल रावत भी थे जो बुरी तरह घायल थे, लेकिन फिर भी सांस ले पा रहे थे. बाद में दो अन्य लोगों की तरह ही बुरी तरह घायल होने की वजह से उनकी मौत हो गई.
सिंह ने सदन को बताया, ‘ताज़ा ख़बरों से पुष्टि हुई है कि हेलिकॉप्टर में जो 14 लोग सवार थे उनमें 13 लोगों की चोट की वजह से मौत हो गई है.’
बचने वाले अकेले व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, वेलिंगटन के मिलिटरी अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर हैं.
सिंह ने कहा, ‘मृतकों में सीडीएस की पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखबिंदर सिंह लिद्दर, स्टाफ ऑफिसर ले.कर्नल हरजिंदर सिंह, और एयर फोर्स हेलिकॉप्टर के क्रू सहित सैन्य बलों के नौ अन्य कर्मी भी शामिल हैं.
उन्होंने आगे कहा, ‘उनके नाम हैं विंग कमांडर पृथ्वी सिंह, स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वॉरंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, जूनियर वॉरंट ऑफिसर अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल राय, नायक गुरुसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा’.
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीडीएस का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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