(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) ब्रिटेन स्थित वैश्विक पर्यटन संस्थान की अध्यक्ष जूलिया सिंपसन ने पर्यटन को ‘‘अविश्वसनीय रूप से तीव्र सुधार वाला क्षेत्र’’ बताते हुए पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पर्यटन बहाल होने की मंगलवार को उम्मीद जताई।
‘वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल’ (डब्ल्यूटीटीसी) की प्रमुख ने कहा कि हालांकि ‘‘उचित सावधानी बरतने’’ की जरूरत है, लेकिन जिन पर्यटकों के मन में कश्मीर बसा हुआ है और जो भारत आते हैं, ‘‘मुझे लगता है, वे आना जारी रखेंगे।’’
उन्होंने 2025 के लिए भारतीय पर्यटन क्षेत्र के कुछ अनुमानित आंकड़े और 2035 के लिए 10 वर्षों का पूर्वानुमान भी साझा किया। बाद में कार्यक्रम से इतर ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ बातचीत में कुछ संबंधित जानकारी दी।
सिंपसन ने कोविड महामारी के बाद पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पर्यटन क्षेत्र के उबरने को रेखांकित किया और इस बात पर बल दिया कि ‘‘भविष्य बेहद उज्ज्वल दिख रहा है’’।
यह पूछे जाने पर कि क्या पहलगाम आतंकवादी हमले से भारत में पर्यटन क्षेत्र के उबरने पर कोई असर पड़ेगा, सिंपसन ने कहा, ‘‘भारत में निश्चित रूप से स्थिति स्थिर हो रही है, जो हमेशा एक अच्छा संकेत है।’’
उन्होंने इस क्षेत्र में आने वाले उतार-चढ़ाव को रेखांकित किया और कहा कि लोगों को आशंका थी कि पर्यटक इजराइल-गाजा संघर्ष के बाद पश्चिम एशिया नहीं जाएंगे या रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद यूरोप की यात्रा नहीं करेंगे, लेकिन लोग यात्रा कर रहे हैं।
‘वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल’ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने वर्तमान भू-राजनीतिक चिंताओं पर जोर दिया और 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हुई यह घटना बेहद दुखद है, लेकिन हम विश्व स्तर पर युद्ध देख रहे हैं। मैं हमेशा कहती हूं जब मैं यात्रा और पर्यटन के बारे में बात करती हूं… हमें यह याद रखना होगा कि मनुष्य और पीड़ित हैं जो इन भयावह घटनाओं में घिरकर रह जाते हैं।’’
सिंपसन ने कहा, ‘‘लेकिन मैं कहूंगी कि यात्रा और पर्यटन अविश्वसनीय रूप से तीव्र सुधार वाला क्षेत्र है। पर्यटक बहुत सझमदार होते हैं।’’
पहलगाम आतंवादी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें एक नेपाली नागरिक समेत अधिकांश पर्यटक थे। ये पर्यटक बैसरन घाटी में छुट्टियां मना रहे थे।
पर्यटन और शांति एवं सुरक्षा को पुन: बहाल करने के लिए भारत में अधिकारियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर उन्होंने देश के नेतृत्व का आह्वान किया और रेखांकित किया कि वास्तव में चीजों को ‘‘बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित’’ किया जा रहा है।
भाषा खारी सुरेश
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