नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) इंजीनियरिंग की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई-मेन) में शीर्ष ‘स्कोर’ हासिल करने वाले अभ्यर्थियों ने फोन का इस्तेमाल न करना, पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना और तनाव तथा चिंता से बचने के लिए वैकल्पिक योजना को अपनाना अपनी सफलता के मंत्रों के रूप में बताया है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा शनिवार को घोषित इंजीनियरिंग की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई-मेन) के परिणाम में 24 परीक्षार्थियों ने 100 ‘स्कोर’ हासिल किया।
परीक्षा में शीर्ष स्थान पर रहने वालों में राजस्थान के सात परीक्षार्थी, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र के तीन-तीन, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और गुजरात के दो-दो और कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश का एक-एक परीक्षार्थी है। इनमें से दो छात्राएं हैं।
ओडिशा के रहने वाले ओम प्रकाश बेहेरा, जो राजस्थान के कोटा में एक कोचिंग संस्थान में नामांकित हैं, ने कहा कि अपनी पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह के व्यवधान से बचने के लिए वह मोबाइल फोन से दूर रहते हैं।
बेहेरा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैंने फोन से दूर रहने का फैसला किया और खुद को उन विशिष्ट अध्यायों पर केंद्रित रखा जो महत्वपूर्ण थे। मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे एक वैकल्पिक योजना तैयार रखने के लिए कहा ताकि मैं पाठ्यक्रम के बोझ से तनावग्रस्त न हो जाऊं।’’
राजस्थान के रजित गुप्ता भी शीर्ष ‘स्कोर’ पाने वालों की सूची में हैं।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने कक्षा नौ से ही अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट रखने पर ध्यान केंद्रित किया। सभी जटिल प्रश्नों को स्पष्ट अवधारणाओं के साथ हल किया जा सकता है।’’
तेलंगाना के वांगला अजय रेड्डी ने कहा कि वह यह सुनते आए हैं कि जेईई-मेन सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है।
शीर्ष स्थान पाने वालों में 21 परीक्षार्थी सामान्य श्रेणी और एक-एक परीक्षार्थी अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी से है।
अव्वल स्थान पाने वालों में दो महिलाएं हैं – पश्चिम बंगाल से देवदत्ता माझी और आंध्र प्रदेश से साई मनोगना गुथिकोंडा।
शीर्ष ‘स्कोर’ पाने वाले अन्य लोगों में राजस्थान से एमडी अनस, आयुष सिंघल, लक्ष्य शर्मा और सक्षम जिंदल, दिल्ली से अर्चिस्मान नंदी (पश्चिम बंगाल), आयुष रवि चौधरी (महाराष्ट्र), कुशाग्र गुप्ता (कर्नाटक), हर्ष ए गुप्ता (तेलंगाना), आदि प्रकाश भागड़े (गुजरात), हर्ष झा और दक्ष शामिल हैं।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों के अनुसार, एनटीए ‘स्कोर’ अंकों के प्रतिशत के समान नहीं, बल्कि सामान्यीकृत ‘स्कोर’ है।
अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक परीक्षार्थी के लिए प्राप्त ‘स्कोर’ को 100 से 0 तक के पैमाने पर परिवर्तित किया जाता है।
जेईई (मेन) पेपर-एक और पेपर-दो के परिणामों के आधार पर जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को छांटा जाएगा। सफल परीक्षार्थियों को 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रवेश मिलता है।
एनटीए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इन परीक्षार्थियों के अलावा 23 अभ्यर्थियों के परिणाम उनकी तस्वीरों, बायोमीट्रिक विवरण या पहचान के सत्यापन संबंधी अन्य व्यक्तिगत जानकारी में विसंगतियों के कारण रोक दिए गए हैं। इन परीक्षार्थियों को अपने परिणाम घोषित करने के लिए एक निर्दिष्ट तिथि के भीतर एनटीए को एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित अपनी तस्वीरों का वैध प्रमाण प्रदान करने के लिए कहा गया है।’’
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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